नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने बुधवार को कहा कि सभी लोगों को उनकी सरकार में राय रखने का हक है और वे चाहे जो हों, उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय और अमेरिकी मानवीय गरिमा, अवसरों में समानता, विधि के शासन, धार्मिक स्वतंत्रता समेत मौलिक स्वतंत्रताओं में यकीन रखते हैं.

भारतीय नेतृत्व के साथ बैठकों से पहले अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में नागरिक संस्थाओं के सदस्यों को संबोधित करते हुए, ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता को साझा करते हैं. यह प्रतिबद्धता द्विपक्षीय संबंधों के आधार का एक हिस्सा है. 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि सफल लोकतांत्रिक देशों में ‘जीवंत’ नागरिक संस्थाएं शामिल होती हैं और कहा कि लोकतंत्रों को, ‘अधिक खुला, ज्यादा समावेशी, ज्यादा लचीला और अधिक समतामूलक बनाने’ के लिए उनकी जरूरत होती है.

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‘भारत की मदद को नहीं भूलेगा अमेरिका’

बता दें कि भारत यात्रा पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और एनएसए अजित डोवल (Ajit Doval) से मुलाकात की. उन्होंने भारत-अमेरिका संबंध को ‘अगले स्तर’ तक ले जाने की बात कही. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत में वापस आकर खुशी हो रही है. कोरोना ने अमेरिका और भारत दोनों को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि भारत ने हमें महामारी में सहायता प्रदान की. उस सहायता को हम नहीं भूलेंगे. 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते काफी ज्यादा अहमियत रखते हैं. भारत के साथ मजबूत संबंध अमेरिका में हर सरकार की प्राथमिकता रही है. कोरोना महामारी के दौरान भारत की मदद को हम भूल नहीं सकते और हमने भी मदद की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आज हमने भारत के लिए 25 मिलियन डॉलर की घोषणा की है ताकि इस महामारी से बेहतर तरीके से निपटा जा सके. 

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‘अफगानिस्तान में मौजूद रहेंगे’ 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से बलों की वापसी के बाद अफगान के लोगों के लिए और क्षेत्रीय स्थिरता का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम भले ही अपनी सेना अफगानिस्तान से वापस ले रहे हैं लेकिन हम अफगानिस्तान में मौजूद रहेंगे और अफगान सरकार की मदद करेंगे. तालिबान अपनी ताकत के दम पर अफगानिस्तान के सभी प्रांतों पर कब्जा नहीं कर सकता. वहां शांति स्थापना के लिए हम बने रहेंगे. 

विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए ये जरूरी है कि शांति चर्चाओं को सभी गंभीरता से लें. दुनिया एक स्वतंत्र, संप्रभु, लोकतांत्रिक और स्थिर अफगानिस्तान देखने की कामना करती है. उन्होंने आगे कहा कि हमने आज वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कराने और सस्ता बनाने के लिए इसका उत्पादन बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया.

दो दिवसीय भारत यात्रा पर ब्लिंकन 

गौरतलब है कि ब्लिंकन अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे सुरक्षा परिदृश्य, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ावा देने और कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों समेत अन्य विषयों पर बातचीत के व्यापक एजेंडे के साथ दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार शाम को दिल्ली पहुंचे हैं.





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By attkley

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