जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में चल रही आतंरिक कलह को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीती रात अपने सरकारी आवास पर कांग्रेस विधायकों के लिए डिनर का आयोजन किया था ताकि यह संदेश दिया जा सके कि राजस्थान के प्रभारी अजय माकन की पार्टी के साथ बातचीत का दौर पूरा होने के तुरंत बाद पार्टी में ‘सब ठीक है’.
बता दें कि दो दिवसीय दौरे में आमने-सामने बातचीत का मकसद सीएम गहलोत और सचिन पायलट के नेतृत्व वाले दो खेमों के बीच दूरियों को मिटाना था.
हैरानी की बात यह है कि दिल्ली में होने के कारण सचिन पायलट इस तथाकथित डिनर डिप्लोमेसी से नदारद थे, जो चर्चा का विषय बन गया. इस बीच, सीएम गहलोत ने आह्वान किया कि सभी विधायक पुराने गिले-शिकवे भूलकर राज्य के विकास के लिए आगे बढ़ें. यह वही संदेश है जो उन्होंने पिछले साल सचिन पायलट के विद्रोह के बाद पार्टी में लौटने के बाद दिया था, जब प्रियंका गांधी वाड्रा सहित दिग्गज नेताओं ने राज्य में समीकरणों को संतुलित करने के लिए दखल दिया था.
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने सभी विधायकों को निर्देश दिया कि अगले कुछ महीनों में वे अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की डिटेल देते हुए एक डायरेक्टरी छपवाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास कार्यों में किसी प्रकार की कमी नहीं आने देगी. उन्होंने कहा, ‘आप लोग मांग करते-करते थक जाएंगे, लेकिन देते हुए मैं कभी नहीं थकूंगा.’
वहीं अजय माकन ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य का प्रभारी होने के नाते मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहना चाहता हूं कि वह राजस्थान में उसी तरह विकास कार्य करवाते रहें जिस तरह से वे कर रहे हैं.
कांग्रेस के एक विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अजय माकन को सलाह दी गई है कि वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक की भूमिका दी जानी चाहिए. कई विधायकों ने अजय माकन से उन मंत्रियों को हटाने को कहा, जिनके रिपोर्ट कार्ड सही नहीं है, नहीं तो आने वाले चुनावों में पार्टी को नुकसान हो सकता है.
बता दें कि शनिवार को अजय माकन पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों से बात करेंगे. सूत्रों ने कहा कि सभी विधायकों के फीडबैक का मूल्यांकन करने के बाद कांग्रेस आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी.