नई दिल्ली: देश में गरजता-बरसता आसमान शहर दर शहर कहर ढा रहा है. कुदरत के क्रोध से पहाड़ों पर लोग कांप उठे हैं. जगह-जगह हो रही लैंडस्लाइड हिमाचल प्रदेश की सूरत बिगाड़ दी है. फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड की वजह से यहां 14 लोगों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार सुबह नाहन में पांवटा-शिलाई के बीच नेशनल हाईवे (NH 707) पर लैंडस्लाइड की वजह से कई लोग मुसीबत में फंसे तो उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई.

कुल्लू में मणिकर्ण के पास ब्रह्मगंगा में आई बाढ़ में बहे 4 लोगों की तलाश जारी है. जबकि लाहौल के तोज़िंग नाला में बह निकले तीन लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है.

तबाही के निशान

27 जुलाई को अचानक बादल फटने के बाद लाहौल स्पीति में मची तबाही के निशान अब भी बाकी हैं. यहां तोजिंग नाला समेत 6 नालों में अचानक आई बाढ़ ने कहर बरपाया. सड़कें तबाह हो गईं और पुल बह गये. इसकी चपेट में कई लोग फंसे जिसमें 100 से अधिक पर्यटक भी शामिल थे. कई लोगों को बचाने की जंग अब भी जारी है

सीएम कर रहे निगरानी

इस सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री कर रहे हैं. मुसीबत में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिशों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. इस मुहिम के दौरान उदयपुर इलाके में फंसे करीब 150 पर्यटकों को अस्थाई पुल के जरिए बाहर निकाला गया. रेस्क्यू ऑपरेशन को हिमाचल प्रदेश पुलिस, होमगॉर्ड्स और फायर ब्रिगेड के जवानों ने अंजाम दिया.

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नेशनल हाइवे नंबर 707 जमींदोज

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में नेशनल हाइवे नंबर 707 जमींदोज हो चुका है. लगातार हो रही बारिश और उसके बाद लैंडस्लाइड ने इस पूरे रास्ते को ही खत्म कर दिया. हाइवे का ये हिस्सा चंडीगढ़ के देहरादून से जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है. यहां पर गनीमत ये रही कि इस हादसे ने थोड़ा वक्त दे दिया ताकि लोग खुद की जान बचा सकें. चट्टानों के खिसकने के साथ ही गाड़ियां थोड़ी दूर पर ही रूक गईं इससिए बड़े हादसे का शिकार होने से बच गईं.

कश्मीर घाटी में हाहाकार

कुदरत के क्रोध से कश्मीर घाटी भी कांप उठी है. शुक्रवार को अचानक गांदरबल के नुनार इलाके में बादल फटने से लोगों की मुसीबत बढ़ गई. गलियों से होता हुआ पानी का रेला श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर आ गया. कई घर तबाह हो गए, फसलें बर्बाद हो गईं और अब लोगों को पानी कम होने का इंतजार है. 

मैदानी इलाकों में भी परेशानी

पहाड़ों का हाल आपने देख लिया अब मैदानी इलाकों पर नजर डालिए. राजधानी दिल्ली में बारिश ने पिछले 17 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पहले तो बारिश हो नहीं रही थी. और अब जब शुरू हुई तो मानो थमने को तैयार नहीं. 

राजस्थान और मध्य प्रदेश में आफत

मौसम विभाग ने झालावाड़ और बारां के कुछ इलाकों लिए रेड अलर्ट जारी किया है जबकि जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, भिलवाड़ा, बूंदी, कोटा और बारां के कुछ इलाके के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

इसी तरह मध्यप्रदेश में भी कई जगहों के लिए ऑरेंज अलर्ट है. आशंका है कि मध्यप्रदेश के 24 जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश के साथ साथ. आसमानी बिजली भी गिर सकती है.

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By attkley

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