विपक्ष को जवाब देने की केंद्र बना रहा रणनीति
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अगले वर्ष यूपी समेत तीन राज्यों में चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार कोविड-19 प्रबंधन के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देने के लिए सांसदों को तैयार कर रही है।

इसे लेकर भाजपा ने मंगलवार को अपने सांसदों को एक पुस्तिका बांटी है। इसमें महामारी को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया और टीकाकरण अभियान को लेकर उन्हें विभिन्न जानकारियां देने की कोशिश की गई है। जिससे वह आलोचकों को जवाब दे सकें। 

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तैयार की गई इस पुस्तिका में दावा किया गया है कि महामारी से मुकाबले के लिए किए गए प्रयासों का श्रेय सिर्फ केंद्र या किसी राज्य सरकार को नहीं बल्कि ‘टीम इंडिया’ को जाता है। जिसने ‘एक सरकार व समाज’ के रूप में काम किया और आगे बढ़कर चरणबद्ध तरीके से चुनौती का सामना किया।

कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है। विपक्ष भाजपा शासित राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश की आलोचना कर रहे हैं। यूपी और पंजाब सहित पांच राज्यों में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है। विपक्ष टीकाकरण अभियान में सुस्ती और कमी के लिए लगातार केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। 

पुस्तिका में आंकड़ों के साथ उपलब्धियों की दी है जानकारी
मंत्रालय की ओर से दी गई पुस्तिका में बताया गया है कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा लोगों को टीके की खुराक दी है। इस बारे में पारदर्शी आंकड़े सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं।

चीन ने दावा किया है कि उसने अब तक 160 करोड़ टीकों की खुराक अपनी जनता को दी है। वहीं भारत ने जुलाई के अंत तक अपने नागरिकों को 45 करोड़ से अधिक टीकों की खुराक दी है।

इसकी तुलना में अमेरिका में 34.3 करोड़, ब्राजील में 13.7 करोड और ब्रिटेन में 8.4 करोड़ खुराक दी गई हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि भारत ने 166 दिनों में टीकों की 34 करोड़ खुराक लोगों को दीं जबकि इतने ही टीकों की खुराक देने में अमेरिका को 221 दिन लगे।

दवा और ऑक्सीजन वितरण का भी है उल्लेख
कोविड-19 प्रबंधन पर पुस्तिका में दावा किया गया है कि विश्व में महामारी से बड़ी तबाही मची जबकि भारत इसके विनाशकारी प्रभावों से बचने में सफल रहा। जरूरी दवाओं और ऑक्सीजन वितरण के लिए सरकार की कोशिशों के साथ ही आपूर्ति बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख है।

इसमें कहा गया है कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री ने राज्यों के साथ 21 बार बैठक की। उन्होंने 10 बार राष्ट्र को संबोधित करने के साथ इस मुद्दे पर आयोजित 40 बैठकों की अध्यक्षता की। देश में प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमण के 22,726 मामले सामने आए और 305 लोगों की मौत हुई, जो दुनिया में सबसे कम है।

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अगले वर्ष यूपी समेत तीन राज्यों में चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार कोविड-19 प्रबंधन के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देने के लिए सांसदों को तैयार कर रही है।

इसे लेकर भाजपा ने मंगलवार को अपने सांसदों को एक पुस्तिका बांटी है। इसमें महामारी को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया और टीकाकरण अभियान को लेकर उन्हें विभिन्न जानकारियां देने की कोशिश की गई है। जिससे वह आलोचकों को जवाब दे सकें। 

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तैयार की गई इस पुस्तिका में दावा किया गया है कि महामारी से मुकाबले के लिए किए गए प्रयासों का श्रेय सिर्फ केंद्र या किसी राज्य सरकार को नहीं बल्कि ‘टीम इंडिया’ को जाता है। जिसने ‘एक सरकार व समाज’ के रूप में काम किया और आगे बढ़कर चरणबद्ध तरीके से चुनौती का सामना किया।

कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है। विपक्ष भाजपा शासित राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश की आलोचना कर रहे हैं। यूपी और पंजाब सहित पांच राज्यों में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है। विपक्ष टीकाकरण अभियान में सुस्ती और कमी के लिए लगातार केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। 

पुस्तिका में आंकड़ों के साथ उपलब्धियों की दी है जानकारी

मंत्रालय की ओर से दी गई पुस्तिका में बताया गया है कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा लोगों को टीके की खुराक दी है। इस बारे में पारदर्शी आंकड़े सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं।

चीन ने दावा किया है कि उसने अब तक 160 करोड़ टीकों की खुराक अपनी जनता को दी है। वहीं भारत ने जुलाई के अंत तक अपने नागरिकों को 45 करोड़ से अधिक टीकों की खुराक दी है।

इसकी तुलना में अमेरिका में 34.3 करोड़, ब्राजील में 13.7 करोड और ब्रिटेन में 8.4 करोड़ खुराक दी गई हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि भारत ने 166 दिनों में टीकों की 34 करोड़ खुराक लोगों को दीं जबकि इतने ही टीकों की खुराक देने में अमेरिका को 221 दिन लगे।

दवा और ऑक्सीजन वितरण का भी है उल्लेख

कोविड-19 प्रबंधन पर पुस्तिका में दावा किया गया है कि विश्व में महामारी से बड़ी तबाही मची जबकि भारत इसके विनाशकारी प्रभावों से बचने में सफल रहा। जरूरी दवाओं और ऑक्सीजन वितरण के लिए सरकार की कोशिशों के साथ ही आपूर्ति बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख है।

इसमें कहा गया है कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री ने राज्यों के साथ 21 बार बैठक की। उन्होंने 10 बार राष्ट्र को संबोधित करने के साथ इस मुद्दे पर आयोजित 40 बैठकों की अध्यक्षता की। देश में प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमण के 22,726 मामले सामने आए और 305 लोगों की मौत हुई, जो दुनिया में सबसे कम है।



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By attkley

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