न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: कुमार संभव
Updated Thu, 05 Aug 2021 09:21 PM IST

सार

वकील तेजेश डांडे ने बताया कि वेब मीडिया के मामले में इस्राइल खासा जानकार नहीं है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों को इस दौरे में क्या फायदा हुआ? उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों की इस टीम को इस्राइल भेजने का असली मकसद पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदना था।

बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई

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बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार (5 अगस्त) को महाराष्ट्र सरकार को एक नोटिस जारी किया। इसमें 2019 के दौरान महाराष्ट्र के अधिकारियों द्वारा किए गए इस्राइल के दौरे के संबंध में सवाल पूछे गए। दरअसल, इस मामले में एक वकील ने जनहित याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि अधिकारियों का यह दल पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदने के लिए इस्राइल गया था। 

महाराष्ट्र सरकार पर लगाए कई आरोप
जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मण बुरा और दिगंबर की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई। इसमें फोन टैपिंग मामले और इस्राइल दौरे के बीच साठ-गांठ होने का आरोप लगाया गया। याचिका में कहा गया कि इस दौरे के लिए कई नियमों का उल्लंघन भी किया गया था। 

अदालत ने चार सप्ताह में मांगा जवाब
याचिका दायर करने वालों के वकील तेजेश डांडे ने बताया कि वेब मीडिया के मामले में इस्राइल खासा जानकार नहीं है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों को इस दौरे में क्या फायदा हुआ? उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों की इस टीम को इस्राइल भेजने का असली मकसद पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदना था। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और संबंधित अधिकारियों को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश जारी किए। 

विस्तार

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार (5 अगस्त) को महाराष्ट्र सरकार को एक नोटिस जारी किया। इसमें 2019 के दौरान महाराष्ट्र के अधिकारियों द्वारा किए गए इस्राइल के दौरे के संबंध में सवाल पूछे गए। दरअसल, इस मामले में एक वकील ने जनहित याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि अधिकारियों का यह दल पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदने के लिए इस्राइल गया था। 

महाराष्ट्र सरकार पर लगाए कई आरोप

जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मण बुरा और दिगंबर की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई। इसमें फोन टैपिंग मामले और इस्राइल दौरे के बीच साठ-गांठ होने का आरोप लगाया गया। याचिका में कहा गया कि इस दौरे के लिए कई नियमों का उल्लंघन भी किया गया था। 

अदालत ने चार सप्ताह में मांगा जवाब

याचिका दायर करने वालों के वकील तेजेश डांडे ने बताया कि वेब मीडिया के मामले में इस्राइल खासा जानकार नहीं है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों को इस दौरे में क्या फायदा हुआ? उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों की इस टीम को इस्राइल भेजने का असली मकसद पेगासस जैसा स्पाईवेयर खरीदना था। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और संबंधित अधिकारियों को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश जारी किए। 



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