न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 14 Sep 2021 03:18 PM IST

सार

चिट्ठी में जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक ममता पर असम के पांच अलग-अलग थानों में केस दर्ज हुए थे। इनमें कुछ केस अप्रैल-मई में चुनाव से पहले भी दर्ज कराए गए। आरोप है कि इन्हीं केसों का जिक्र अपने एफिडेविट में नहीं किया। 

ममता बनर्जी ने 10 सितंबर को दाखिल किया था नामांकन।
– फोटो : ANI

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विस्तार

पश्चिम बंगाल में इसी महीने होने वाले उपचुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं। खासकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भवानीपुर से लड़ने के एलान के बाद यह चुनाव और ज्यादा दिलचस्प हो गए हैं। बंगाल का सीएम बने रहने के लिए ममता का अपनी पारंपरिक भावनीपुर सीट से जीतना जरूरी है, वर्ना वे विधायक न बन पाने के चलते मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगी। इस बीच भाजपा ने ममता को सीएम पद से हटाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। उनके खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल को उतारने के बाद अब भाजपा के एक एजेंट ने चुनाव आयोग से ममता का नामांकन रद्द करने की मांग की है। 

भवानीपुर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के चुनावी एजेंट ने यहां के रिटर्निंग अफसर को चिट्ठी लिख कर ममता बनर्जी के नामांकन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि ममता ने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें उन्होंने अपने ऊपर चल रहे पांच आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं किया। भाजपा एजेंट सजल घोष ने अपनी चिट्ठी में उन मामलों का भी जिक्र किया और बताया कि उन पर कहां-कहां केस दर्ज हैं। 

चिट्ठी में जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक ममता पर असम के पांच अलग-अलग थानों में केस दर्ज हुए थे। इनमें कुछ केस अप्रैल-मई में चुनाव से पहले भी दर्ज कराए गए। आरोप है कि इन्हीं केसों का जिक्र अपने एफिडेविट में नहीं किया। हालांकि, इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि अगर ममता बनर्जी का वास्तव में इन आरोप पत्रों में नाम है तो उन्हें एफिडेविट में सिर्फ मामलों का खुलासा करने की आवश्यकता थी।



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