कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते चोरी, लूट और महिलाओं व बच्चों के खिलाफ हिंसा जैसे अपराध के मामलों में खासी कमी आई है, लेकिन सरकारी नियमों को तोड़ने के मामले बेहिसाब बढ़े हैं। अधिकतर मामले कोविड-19 नियमों के उल्लंघन से जुड़े हुए हैं। 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से ‘क्राइम इन इंडिया 2020’ नाम से जारी की गई रिपोर्ट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में कुल 66,01,285 अपराध दर्ज किए गए। इनमें से 42,54,356 ममले आईपीसी के तहत और 23,46,929 केस स्पेशल एंड लोकल लॉ (एसएलएल) के तहत दर्ज किए गए। 

इन आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 के मुकाबले 2020 में अपराधों में 28 फीसदी (14,45,127 मामले) की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किए गए थे। 2020 में प्रति लाख अपराधों की संख्या 385.5 से बढ़कर 487.8 पहुंच गई। 

2019 के मुकाबले 2020 में आईपीसी के तहत दर्ज आपराधिक मामलों की संख्या 31.9 फीसदी और एसएलएल अपराधों की संख्या 21.6 फीसदी बढ़ गई। 

रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकतर अपराध सरकारी आदेशों को न मानने से जुड़े हैं। 2019 में आईपीसी के तहत दर्ज मामलों की संख्या जहां 29,469 थी, वहीं 2020 में ये 6,12,179 पर पहुंच गई। इसी तरह एसएलएल के तहत दर्ज मामले 2019 में 2,52,268 के मुकाबले 2020 में 10,62,399 पर पहुंच गई। 

कोरोना वायरस के चलते देश में 25 मार्च से 31 मई 2020 तक पूरी तरह लॉकडाउन लागू था। इस दौरान लोगों की आवाजाही बेहद कम हुई और अपराध भी कम हुए।  

इस दौरान महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों के खिलाफ अपराध, चोरी, लूट, सेंधमारी और डकैती जैसे आपराधिक मामलों में गिरावट दर्ज की गई। 2020 में मनुष्य को नुकसान पहुंचाने वाले 10,47,216 मामले दर्ज किए गए जो आईपीसी के तहत दर्ज केसों का कुल 24.6 फीसदी है। इनमें से चोट पहुंचाने वाले 5,78,641 (55.3 फीसदी) मामले रहे जबकि लापरवाही से मौत के 1,26,779 (12.1 फीसदी) मामले रहे। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 85,392 (8.2 फीसदी) मामले दर्ज किए गए। 



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *