न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 30 Sep 2021 11:12 PM IST

सार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध हाल के समय में काफी मजबूत हुए हैं और दोनों देशों के बीच भागीदारी वैश्विक हित के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जयशंकर ने यह बयान भारत अमेरिका रणनीतिक भागीदारी मंच के सालाना नेतृत्व शिखर सम्मेलन में कहीं। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल)
– फोटो : twitter.com/DrSJaishankar

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भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के वार्षिक नेतृत्व शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को डिजिटल माध्यम से शिरकत की। उन्होंने कहा, आज भारत और अमेरिका के बीच स्थिति बहुत शानदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का निष्कर्ष असल में वैश्विक हित के लिए एक भागीदारी है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा वाक्य नहीं है जिसका हम पांच साल पहले इस्तेमाल कर सकते थे। 

जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध विकसित हो रहे हैं… हमारे बीच करीब 150 बिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है, जिसके और बढ़ने की उम्मीद है। निवेश में हमें अब तक का सबसे बड़ा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) मिला और इसमें अमेरिका का हिस्सा बहुत बड़ा था। उन्होंने कहा कि अब से पहले हमने कभी भी दक्षिण एशिया में मिलकर काम नहीं किया था, लेकिन अब इस स्थिति में तेजी से बदलाव आ रहा है।

‘क्वाड’ मंच की भूमिका बहुत अहम है
विदेश मंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलती परिस्थितियों को देखते हुए क्वाड मंच इस मोर्चे पर बहुत महत्वपूर्ण है। अब सुरक्षा के तथ्य को देखते हुए अफगानिस्तान भी इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान क्षेत्र के लिए चुनौतियां खड़ी करता है, हिंद-प्रशांत क्षेत्र महत्वपूर्ण इलाका है और यह नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के आधार पर होना चाहिए और इसके साथ ही क्षेत्रीय अखंडता का भी सम्मान किया जाना चाहिए। 

चीन से निपटने को लेकर कही ये बात
वहीं, ‘चीन के उद्भव’ को लेकर जयशंकर ने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं, क्वाड एक शांतिपूर्ण संकल्प है, यह किसी के खिलाफ नहीं है। यह जरूरी है कि हम नकारात्मकता में न फंसें। हमें सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। इससे निपटने को लेकर जयशंकर ने कहा कि कई तरीकों में, हमें द्विपक्षीय विकल्प चुनने पड़ते हैं। जो हमारी समस्याएं हैं वो आपके जैसी नहीं होंगी, लेकिन कोई गुटबाजी नहीं होनी चाहिए।

विस्तार

भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के वार्षिक नेतृत्व शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को डिजिटल माध्यम से शिरकत की। उन्होंने कहा, आज भारत और अमेरिका के बीच स्थिति बहुत शानदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का निष्कर्ष असल में वैश्विक हित के लिए एक भागीदारी है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा वाक्य नहीं है जिसका हम पांच साल पहले इस्तेमाल कर सकते थे। 

जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध विकसित हो रहे हैं… हमारे बीच करीब 150 बिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है, जिसके और बढ़ने की उम्मीद है। निवेश में हमें अब तक का सबसे बड़ा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) मिला और इसमें अमेरिका का हिस्सा बहुत बड़ा था। उन्होंने कहा कि अब से पहले हमने कभी भी दक्षिण एशिया में मिलकर काम नहीं किया था, लेकिन अब इस स्थिति में तेजी से बदलाव आ रहा है।

‘क्वाड’ मंच की भूमिका बहुत अहम है

विदेश मंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलती परिस्थितियों को देखते हुए क्वाड मंच इस मोर्चे पर बहुत महत्वपूर्ण है। अब सुरक्षा के तथ्य को देखते हुए अफगानिस्तान भी इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान क्षेत्र के लिए चुनौतियां खड़ी करता है, हिंद-प्रशांत क्षेत्र महत्वपूर्ण इलाका है और यह नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के आधार पर होना चाहिए और इसके साथ ही क्षेत्रीय अखंडता का भी सम्मान किया जाना चाहिए। 

चीन से निपटने को लेकर कही ये बात

वहीं, ‘चीन के उद्भव’ को लेकर जयशंकर ने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं, क्वाड एक शांतिपूर्ण संकल्प है, यह किसी के खिलाफ नहीं है। यह जरूरी है कि हम नकारात्मकता में न फंसें। हमें सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। इससे निपटने को लेकर जयशंकर ने कहा कि कई तरीकों में, हमें द्विपक्षीय विकल्प चुनने पड़ते हैं। जो हमारी समस्याएं हैं वो आपके जैसी नहीं होंगी, लेकिन कोई गुटबाजी नहीं होनी चाहिए।





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By attkley

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