शाम पांच बजे तक इस सीट पर करीब 53.32 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने कहा कि कुल कितना मतदान हुआ इसका आंकड़ा शुक्रवार को मिलेगा।
मुर्शिदाबाद के समसेरगंज और जंगीपुर सीटों पर क्रमश: 78.60 प्रतिशत और 76.12 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां दो उम्मीदवारों की मृत्यु के बाद अप्रैल-मई विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान रद्द करना पड़ा था।
भवानीपुर में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं सीएम ममता बनर्जी का मुकाबला भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल और माकपा के श्रीजीब विश्वास से था। ममता बनर्जी ने मित्रा इंस्टीट्यूशन स्कूल में अपना वोट डाला।
निर्वाचन क्षेत्र के कुछ इलाकों से भाजपा और टीएमसी समर्थकों के बीच हाथापाई की छिटपुट घटनाएं भी हुईं। भाजपा उम्मीदवार प्रियंका ने कहा कि टीएमसी ने वार्ड नंबर 72 के पोलिंग बूथ पर जबरन मतदान रुकवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी अपने क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित कर रहे थे। भाजपा ने दोनों नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
हालांकि, हाकिम ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि क्या सड़क किनारे चाय पीने से मतदाताओं पर प्रभाव पड़ता है? भाजपा जानती है कि वह उपचुनाव हार जाएगी और अब बेकार बहाना बना रही है।
भवानीपुर में एक बूथ के बाहर टीएमसी और भाजपा के समर्थकों के बीच मामूली हाथापाई की सूचना मिली थी, कहा गया था कि सत्तारूढ़ दल नकली मतदाताओं को मतदान केंद्र के अंदर ला रही है। यहां सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में किया।
टीएमसी ने चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज की, जिसमें टिबरेवाल पर 20 कारों के साथ घूमने और मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया। प्रियंका ने इस आरोप से इनकार किया।
भाजपा ने बाद में आरोप लगाया कि उसके पोलिंग एजेंटों को कई बूथों के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। हाकिम ने कहा कि ऐसे दावे राजनीति से प्रेरित हैं।
एक अन्य घटना में हिंदुस्तान अवाम मोर्चा- सेकुलर के चुनाव एजेंट कल्याण चौबे पर हमला हुआ। चौबे ने कहा कि एक स्कूल में बने पोलिंग बूध में दो लोग फर्जी वोटिंग करने आए थे। हमने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा और पुलिस व केंद्रीय बलों को सूचित किया। इसके कुछ देर बाद 8-10 लोग बाइक पर आए और मुझ पर और मेरी कार पर डंडों और पत्थरों से हमला बोल दिया।