न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sun, 19 Dec 2021 06:13 PM IST

सार

इतिहास की घटनाओं को खंगाला जाए तो सामने आता है कि गुरु ग्रंथ साहिब के साथ बेअदबी शुरुआत से ही बड़ा अपराध रहा है। ऐसे और भी कई उदाहरण बाद के समय में भी मिल जाते हैं। 

सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब।
– फोटो : PTI

ख़बर सुनें

विस्तार

पंजाब में एक के बाद एक बेअदबी के दो कथित मामलों को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। पहले अमृतसर के श्री दरबार साहिब और फिर कपूरथला के गांव निजामपुर में गुरुद्वारा साहिब में बेअदबी की कोशिश किए जाने की बातें सामने आई हैं। दोनों ही मामलों में आरोपियों की हत्या किए जाने की बात सामने आई है। ऐसे में हर तरफ इस बात को लेकर सवाल हैं कि आखिर बेअदबी है क्या, जिसकी वजह से पंजाब में पिछले छह सालों से अलग-अलग मौकों पर तनाव पैदा हुआ है। 

क्या है बेअदबी? 

सिख धर्म में बेअदबी के मामले तब से सामने आ रहे हैं, जब सिखों के पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन हुआ था। इसे सिखों के पांचवें गुरु- गुरु अर्जन देव जी की तरफ से संकलित किया गया था। गुरु ग्रंथ साहिब के असल शब्दों के साथ छेड़छाड़ या इस पवित्र ग्रंथ को किसी तरह से नुकसान पहुंचाने की घटना को बेअदबी कहा जाता है। 

सिखों के लिए इसके मायने क्या?

इतिहास की घटनाओं को खंगाला जाए तो सामने आता है कि गुरु ग्रंथ साहिब के साथ बेअदबी शुरुआत से ही बड़ा अपराध रहा है। सिखों के सातवें गुरु- गुरु हरराय ने अपने बेटे राम राय का ही बहिष्कार कर दिया था, जो कि अपने पिता के उत्तराधिकारी बनने के दावेदार थे। इसकी वजह यह थी कि राम राय ने मुगल शासक औरंगजेब को खुश करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ वाक्यों से छेड़छाड़ कर उसके शब्द बदल दिए थे। सिखों के पवित्र ग्रंथ से छेड़छाड़ करने पर बहिष्कृत किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं था। ऐसे और भी कई उदाहरण बाद में मिलते हैं। 

बताया जाता है कि गुरु ग्रंथ साहिब को भौतिक तौर पर नुकसान पहुंचाने के विचारों को संस्थांगत करने का काम लखपत राय की तरफ से किया गया था। राय मुगलकाल में लाहौर का दीवान था और उसने ही गुड़ शब्द के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया था, क्योंकि यह शब्द गुरु से काफी मेल खाता था। सिख धर्म के जानकारों के मुताबिक, लखपत राय ने ही गुरु ग्रंथ साहिब की सभी प्रतियों को नष्ट करने का आदेश दिया था। तब इस पवित्र ग्रंथ को बचाने की कोशिश में कई सिखों ने बलिदान दिया था। 

गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर हुए हैं सामुदायिक विवाद?

पंजाब के लोकप्रिय इतिहासकार गंडा सिंह ने अपने एक पेपर में हिंदुओं और सिखों के बीच बेअदबी को लेकर उठे तनाव का भी जिक्र किया है। उन्होंने 19वीं सदी की घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें आर्य समाज के गुरुओं ने पंजाब में सार्वजनिक बैठक के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को सामान्य किताबों की तरह ही मेज पर रख दिया था। इसके अलावा पंजाब में ईसाई मिशनरियों और आर्य समाज की बढ़ती गतिविधियां भी सिखों की चिंता का विषय था। इसी के चलते ‘सिंह सभा आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी, जिसका मकसद सिख विचारों और सिद्धांतों का संरक्षण था। बाद में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का गठन किया गया था।

सिखों और निरंकारी संप्रदाय के बीच विवादों की शुरुआत ही गुरु ग्रंथ साहिब पर हमलों को लेकर रही है। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा पर भी गुरु ग्रंथ साहिब के शब्दों से छेड़छाड़ करने का आरोप लग चुका है। 

बेअदबी को लेकर कांग्रेस से लेकर अकाली दल भी निशाने पर

मुगलकाल में बड़े स्तर पर शुरू हुईं बेअदबदी की घटनाएं आजादी के बाद भी पूरी तरह खत्म नहीं हुईं। कुछ स्थानों पर इससे जुड़ी घटनाएं सामने आती रहीं। इसमें 1984 के दौर की कुछ घटनाएं भी शामिल रहीं। बताया जाता है कि इस दौरान सत्ता में रही कांग्रेस सिखों के गुस्से का शिकार बनी। हालांकि, पंजाब के फरीदकोट स्थित बुर्ज जवाहर सिंहवाला में 2015 में जब बेअदबी का मामला सामने आया, तब शिरोमणि अकाली दल की सरकार सत्ता में थी। बताया जाता है कि इस घटना ने भी सिखों को गुस्से से भर दिया। 

चौंकाने वाली बात यह है कि ताजा समय में यह गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की इकलौती घटना नहीं रही। जून 2015 में ही बुर्ज जवाहर सिंहवाला गांव से चार किमी दूर बंगारी गांव में लोगों को दीवारों पर इस पवित्र ग्रंथ के खिलाफ टिप्पणियां लिखी मिली थीं। मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच भी शुरू की गई थी। 

फरीदकोट के बेअदबी मामलों की जांच बादल सरकार ने बाद में सीबीआई को भी सौंपी, लेकिन मामले में कोई खास कामयाबी न मिलने के चलते 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में बेअदबी के मामले ने काफी जोर पकड़ा और अकाली दल को जबरदस्त नुकसान हुआ। पार्टी को 117 विधानसभा सीटों में से 15 पर ही जीत मिली, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की। कांग्रेस ने चुनाव में बेअदबी मामले में आरोपियों को ढूंढ कर उन्हें जेल में डालने की बात भी कही थी।



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *