नई दिल्ली: लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के केस में खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का एक आतंकवादी पकड़ा गया है. लेकिन ये गिरफ्तारी भारत में नहीं, भारत से 6 हजार किलोमीटर दूर जर्मनी में हुई है. जर्मनी में बैठकर जसविंदर सिंह मुल्तानी ने पंजाब के लुधियाना में कैसे बम धमाके की प्लानिंग की इस साजिश का खुलासा भी अब होने लगा है. 

जर्मनी से रची धमाके की साजिश

जर्मनी के शहर एफअत में खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का आतंकवादी जसविंदर सिंह मुल्तानी छुपकर बैठा था. ये जसविंदर मुल्तानी जर्मनी में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रचता था. भारत को टुकड़े-टुकड़े करने के पाकिस्तानी ख्वाब को पूरा करना चाहता था और आतंकवाद के इसी खेल में इसने लुधियाना की अदालत में ब्लास्ट करा दिया. लुधियाना ब्लास्ट के पीछे जसविंदर मुल्तानी का हाथ होने के पुख्ता सबूत भारतीय एजेंसियों ने जर्मनी को मुहैया कराये. दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर की बातचीत हुई और फिर जर्मनी की पुलिस ने जसविंदर मुल्तानी को एफअत नाम के शहर गिरफ्तार कर लिया.

ये भी पढ़ें: सरकार ने स्टूडेंट्स को बांटे थे 60 हजार टैबलेट्स-स्मार्टफोन, जानें उनका क्या हुआ

जसविंदर मुल्तानी पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत में खालिस्तानी आतंकवाद बढ़ा रहा था. मुल्तानी लगातार अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ मिलकर पंजाब में हैंडग्रेनेड्स, विस्फोटक और पिस्टल जैसे हथियारों की खेप भिजवा रहा था. भारतीय एजेंसियां इस मुल्तानी का पूरा चिट्ठा तैयार करती जा रही थीं. इसी बीच भारत में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान इस मुल्तानी ने उपद्रव और अशांति फैलाने की साजिश रची और इसका खुलासा इसी साल फरवरी में महाराष्ट्र से पकड़े गए जीवन सिंह ने किया था.

किसान नेता के मर्डर का प्लान 

जीवन सिंह ने स्पेशल सेल को जानकारी दी थी कि जर्मनी में बैठे जसविंदर मुल्तानी से उनसे किसान नेता बलबीर राजेवाल की हत्या के लिए कहा था और उसी ने मध्य प्रदेश से हथियार भी दिलवाए थे. तब जीवन सिंह के मोबाइल फोन की पड़ताल से भी पता चला था कि वो जर्मनी में मौजूद खालिस्तानी मुल्तानी के साथ कॉटैक्ट में था जो सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता की हत्या करवाकर कानून व्यवस्था को बिगड़ना चाहता था. फिर दिल्ली पुलिस ने जीवन सिंह को पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया था.

जसविंदर मुल्तानी पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला है. मुमकेरिया के मंसूरपुर गांव में उसके माता-पिता अब भी रहते हैं. वे बताते हैं कि उनका बेटा अपने भाई और बहन के पास काफी दिनों से जर्मनी में ही रहता है और घर से उसका कोई संपर्क नहीं है. जसविंदर मुल्तानी के पिता कहते हैं कि 45 साल का मुल्तानी जर्मनी जाने के बाद न तो भारत आया है और न ही उनसे कोई संपर्क रखता है. लेकिन जर्मनी में ही बैठकर मुल्तानी ने भारत विरोधी खालिस्तानी आंदोलन का अहम हिस्सा रहा. यहां तक कि पिछले साल कराये गये रेफरेंडम 2020 में भी मुल्तानी ने बढ़ चढ़कर शिरकत की थी.

पाकिस्तान कर्नल से जुड़े तार

जसविंदर मुल्तानी के तार बब्बर खालसा के आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा संधू बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ वधावा सिंह बब्बर से भी जुड़े हुए हैं. अभी तक की जांच में यह भी साफ हुआ है कि मुल्तानी के साथ लुधियाना धमाके के साजिश में रिंदा भी शामिल था. सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों को इनके और पाकिस्तानी कर्नल के बीच बातचीत की कॉल डिटेल्स भी मिली है जिसे जर्मनी की एजेंसी से साझा की गई है. मुल्तानी तो पकड़ा जा चुका है लेकिन हरविंदर सिंह रिंदा अब भी पाकिस्तान में छिपा बैठा है.

लुधियाना में हुए धमाकों के बाद जांच एजेंसियों ने जो सबूत जमा किये हैं उनके तार लुधियाना से लेकर खन्ना तक पहुंचे थे. कोर्ट ब्लास्ट में मारा गया गगनदीप सिंह खन्ना का ही रहने वाला था और अब खुलासा हुआ है कि धमाके से 48 घंटे पहले गगनदीप सिंह अपनी महिला मित्र के साथ खन्ना के एक होटल में भी ठहरा था.

महिला के साथ होटल में ठहरा

23 दिसंबर को लुधियाना में धमाका करने से पहले पंजाब पुलिस का बर्खास्त हवलदार गगनदीप सिंह पंजाब पुलिस की महिला कांस्टेबल के साथ खन्ना के एक होटल में ठहरा था. पता चला है कि गगनदीप ने कमरा तो 24 घंटे के लिए बुक किया था लेकिन 5-6 घंटे में ही होटल से निकल गया था और इस दौरान उसके हाथ में एक बैग भी था.

ये भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज में फूटा कोरोना बम! MBBS के 31 स्टूडेंट्स मिले संक्रमित

होटल के सीसीटीवी कैमरों में गगनदीप के साथ वो मिस्ट्री लेडी भी दिखी है और एक बैग भी. अब पंजाब पुलिस को ये पता लगाना है कि गगनदीप के साथ जो महिला होटल में ठहरी थी क्या वो पंजाब पुलिस की वही महिला कांस्टेबल तो नहीं जिसे गिरफ्तार किया गया है? पुलिस को ये भी पता चला है कि धमाके में मारा गया गगनदीप सिंह आतंकवादी तो नहीं था लेकिन ड्रग्स के केस में जेल चला गया था.

रिकॉर्डरूम उड़ाने की साजिश

दो साल तक गगनदीप सिंह जेल में ही रहा था और इस दौरान पंजाब पुलिस से बर्खास्त भी कर दिया गया था. जेल में रहने के दौरान ही ड्रग कारोबारियों ने गगनदीप का संपर्क खालिस्तानियों से कराया था. गगनदीप अदालत में रिकॉर्डरूम को उड़ाना चाहता था ताकि उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों के सबूत नष्ट हो जाएं. गगनदीप की इस साजिश में जेल के अंदर बंद ड्रग तस्करों से लेकर पाकिस्तान की ISI तक के कॉन्टैक्ट्स का पता चल रहा है. पंजाब पुलिस ने इसी सिलसिले में कुछ और लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ जारी है.

LIVE TV





Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *