Mundka fire Update: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने रविवार को मुंडका अग्निकांड (Mundka fire) को लेकर दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा और कहा कि घटना को देखते हुए यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली के अधिकारियों ने पिछले अनुभवों से बहुत कम सीखा है. इस घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी.

आयोग ने आगे आकर लिया एक्शन 

शुक्रवार की घटना के बाद पुलिस अब तक 27 शव बरामद कर चुकी है. इनमें से 14 की पहचान महिलाओं के रूप में और छह की पुरुषों के रूप में की गई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने उन मीडिया रिपोर्टों पर खुद आगे आकर एक्शन लिया है, जिसमें बताया गया है कि 13 मई को दिल्ली के मुंडका में चार मंजिला कार्यालय में भीषण आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी.

NHRC ने जारी किया बयान

NHRC ने एक बयान में कहा, ‘आग की इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि दिल्ली के अधिकारियों ने पूर्व की इसी तरह की घटनाओं से बहुत कम सीखा है जो अग्नि सुरक्षा तंत्र की पूरी तरह से कमी और उनके कार्यान्वयन में अंतर को उजागर करता है.’

दो सप्ताह में मांगी रिपोर्ट 

आयोग ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट मांगी है जिसमें जिम्मेदार लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई, दोष तय करना, सरकार द्वारा दी गई राहत या पुनर्वास के वितरण की स्थिति, यदि की गई हो को शामिल किया गया है.

कर्तव्यों को लेकर उदासीनता 

नोटिस जारी करते हुए NHRC ने पाया कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ‘यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोक सेवकों के वैधानिक कर्तव्यों को लेकर पूरी तरह उदासीनता के कारण पीड़ितों के मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का सबसे खराब मामला प्रतीत होता है, जिसकी वजह से आग में झुलस कर कई कीमती जानें गईं.’ NHRC ने एक बयान में कहा, ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए और इसी तरह के मामलों में आयोग की सिफारिशों के प्रति अधिकारियों की उदासीनता पर आयोग ने अपने महानिदेशक को मामले में मौके पर जांच करने के लिए तुरंत एक टीम भेजने के लिए भी कहा है.’ इसने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इमारत की कोई स्वीकृत योजना नहीं थी और कारखाना बिना किसी लाइसेंस के चल रहा था.

कई इलाके ऐसे जहां नहीं जा सकती फायर ब्रिगेड की गाड़ियां

बयान में कहा गया है, ‘ये तथ्य उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा की गई एक जांच में सामने आए हैं. ऐसी सैकड़ों इमारतें भीड़भाड़ वाले क्वार्टरों से संचालित हैं और अधिकारियों को उन पर अंकुश लगाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दिल्ली में कई इलाके ऐसे हैं जहां बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माण के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी प्रवेश नहीं कर सकती हैं.’

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पहले भी आगे आ चुका है आयोग 

दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में 2019 में लगी आग में 43 लोगों की जान चली गई थी और एनएचआरसी ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को अवैध औद्योगिक गतिविधियों की समस्या से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया था. हालांकि अनाज मंडी आग की घटना में अधिकारियों की जांच रिपोर्ट को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया.

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By attkley

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