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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए। इस अनुपस्थिति की वजह पर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। यह गैरमौजूदगी इसलिए भी बड़े सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे। हालांकि, सीएम के करीबी सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के बाद की अपनी शारीरिक कमजोरी की वजह से नीतीश बैठक में शामिल नहीं हुए।
इसके बाद से सियासी गलियारे में भाजपा-जदयू के चल रही अनबन को लेकर तरह-तरह की बातें की जाने लगी हैं। इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। उन्होंने सोनिया गांधी से मिलने कर समय भी मांगा है।
बैठक से दूरी, पर पटना के कार्यक्रम में पहुंचे नीतीश
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने सीएम नीतीश के नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के लिए कोरोना को वजह बताया। हालांकि, नीतीश कुमार ने पटना में एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और तारकिशोर प्रसाद भी मौजूद थे।
जदयू अध्यक्ष साजिश रचने की आरोप लगाया
इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को कम सीट आने के लिए साजिश रची जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के 43 सीट जीतने के पीछे जनाधार का कम होना नहीं है। इसके पीछे नीतीश कुमार के खिलाफ रची गई साजिश थी। जिसे लेकर अब हम लोग सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि पहले चिराग पासवान और अब आरसीपी सिंह सब इसी साजिश का हिस्सा है।