ख़बर सुनें
विस्तार
Desh Ki Badli Soch : भारतीय जनता पार्टी की ओर से मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक नए अभियान की शुरुआत की गई है। इसका नाम ‘देश की बदली सोच’ रखा गया है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण को कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों के भाषणों से तुलना की गई है।
भाजपा ने ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पूर्ववर्तियों मनमोहन सिंह, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषणों की तुलना की गई है। भाषणों के कुछ हिस्सों का हवाला देते हुए भाजपा ने अपने प्रमुख नेता की छवि को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। इसके तहत कई ग्राफिक्स साझा किए गए हैं।
ऐसे ही एक ट्वीट में पार्टी ने आरोप लगाया गया है कि नेहरू ने अपने 1963 के भाषण में शहीद सैनिकों को कोई श्रद्धांजलि नहीं दी थी, जो 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद दिया गया था। इसमें बताया गया है कि पीएम मोदी ने अपने 2020 के संबोधन में उन लोगों को याद किया, जिन्होंने लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साल 2008 और 2009 के भाषणों का भी हवाला दिया है। भाजपा ने उन पर चुनिंदा लोगों को याद रखने, एक परिवार को खुश करने जैसे आरोप लगाए हैं। साथ ही पीएम मोदी के साल 2014 के भाषण का अंश पेश किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान के कारण देश आज यहां तक पहुंचा है।
एक ग्राफिक में बताया गया है कि वर्ष 1975 में आपातकाल लगाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को ‘शुद्ध’ करने के लिए इसे ‘कड़वी गोलियों’ के रूप में उचित ठहराया था। जबकि सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि मोदी ने अपने 2017 के भाषण में लोकतंत्र को भारत की ‘सबसे बड़ी ताकत’ के रूप में उद्धृत किया।
भाजपा अपने सोशल मीडिया अभियानों में मुख्य विपक्षी दल की प्रमुख हस्तियों को पहले भी निशाना बनाती रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते सोमवार को आरोप लगाया था कि एक ‘आत्ममुग्ध’ सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को ‘तुच्छ’ करने पर तुली हुई है और पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए किए गए ऐसे प्रयासों का कड़ा विरोध करेगी।
भाजपा ने अपने अभियान के तहत गांधी पर हुए हमले से जुड़ा एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें 1947 में गांधी पर हुए हमले और भारत के विभाजन की घटनाओं को अपने ढंग से पेश किया गया है। इसमें उस समय के शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व को इन घटनाओं के लिए दोषी ठहराया गया है। वीडियो में जवाहरलाल नेहरू और मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं।