Supreme Court/Pegasus Case: पेगासस स्वाइवेयर विवाद की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर नियुक्त टेक्निकल और सुपरविजनरी कमेटियों ने कहा कि केंद्र ने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया. चीफ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि समिति को उन 29 फोन में से पांच में एक तरह का ‘मालवेयर’ मिला, जिनकी जांच की गई थी.
हाईकोर्ट एक महीने बाद करेगा सुनवाई
हाईकोर्ट की बेंच ने बताया कि पैनल ने तीन हिस्सों में अपनी ‘लंबी’ रिपोर्ट जमा की है और एक हिस्से में नागरिकों के निजता के अधिकार एवं देश की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून में संशोधन करने का सुझाव दिया गया है. अदालत अब इस मामले पर चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगी.
रिपोर्ट पर टिप्पणी
जानकारी के मुताबिक पर्यवेक्षण न्यायाधीश (रिटायर्ड) आर वी रवींद्रन की सामान्य प्रकृति वाली रिपोर्ट को अब वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह अन्य रिपोर्ट का संशोधित हिस्सा पक्षकारों को देने की अपील पर विचार करेगी.
बेंच ने नेताओं, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की लक्षित निगरानी के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा इजराइली स्पाइवेयर के इस्तेमाल के आरोपों की जांच का पिछले साल 27 अक्टूबर को आदेश दिया था.
पेगासस मोटिवेटेड कैंपेन: बीजेपी
इस मामले को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के खिलाफ निशाना साधा है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘ कांग्रेस झूठ के सहारे चल रही है. यह पूरा एपिसोड वो मोटिवेटेड कैंपेन था जिसका मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्र सरकार के काम को बदनाम करना था. ऐसे में क्या राहुल गांधी माफी मांगेगे, क्या कांग्रेस पार्टी माफी मागेगी क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर संसद ठप की थी.’
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