कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज चौथा दिन है। सात सितंबर को राहुल गांधी ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी से इसकी शुरुआत की थी। शनिवार को यात्रा मुलागुमूदु पहुंची और रविवार तक यह केरल पहुंच जाएगी। 150 दिन तक चलने वाली यह यात्रा 12 राज्यों से गुजरेगी। 3,570 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर में होगा। जहां, इस यात्रा को लेकर कांग्रेस में उत्साह है। कांग्रेस को इस यात्रा से अपना जनाधार बढ़ने की भी उम्मीद है। विरोधी भाजपा की इस यात्रा पर नजर है।

आइए समझते हैं इस यात्रा का पूरा सियासी समीकरण। ये भी जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कांग्रेस की इस यात्रा से दूसरे दलों में क्यों हलचल है? 

 

यात्रा में क्या होना है?

150 दिन तक चलने वाली यात्रा 12 राज्यों के बीस शहरों से गुजरेगी। इस दौरान करीब 3570 किमी दूरी तय करेगी। इस यात्रा में  कांग्रेस के साथ ही दूसरी राजनीतिक पार्टियां, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, लेखक, कलाकार और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हो रहे हैं।   

 

राहुल की यात्रा से भाजपा को क्या चिंता?

ये समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन कुछ सालों के अंदर उत्तर भारत में काफी अच्छा हुआ है। ऐसे में अब पार्टी का पूरा फोकस दक्षिण की तरफ है। इसके लिए पार्टी के दिग्गज नेता लगातार कोशिश भी कर रहे हैं। राहुल की यात्रा से अगर कांग्रेस के साथ जनसमर्थन जुड़ता है तो इससे भाजपा की तैयारियों को झटका लग सकता है।’

प्रो. सिंह के मुताबिक, भाजपा भी दक्षिण राज्यों को जीतना चाहती है। अभी दक्षिण के राज्यों में भाजपा काफी कमजोर है। भाजपा के नेता ये जानते हैं कि अगर राहुल की इस यात्रा का कुछ भी असर हुआ तो ये उनके लिए मुसीबत बन सकती है। यही कारण है कि राहुल की यात्रा का तोड़ निकालने की कोशिश शुरू हो गई है। 

 

कांग्रेस के लिए इस यात्रा के क्या मायने?

प्रो. सिंह कहते हैं, ‘राहुल गांधी जानते हैं कि कांग्रेस के लिए भी दक्षिण के राज्य कितने अहम हो सकते हैं। क्योंकि, अगर कांग्रेस को सियासी जमीन बचानी है तो दक्षिण के राज्यों की मुख्य लड़ाई में बने रहना होगा। अभी ज्यादातर दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस मजबूती से लड़ती रही है। फिर वह केरल हो या तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश। सभी जगह कांग्रेस मुख्य लड़ाई में रहती है।’

प्रो. सिंह कहते हैं कि राहुल गांधी इसी को मजबूत बनाने की कोशिश में हैं। इसलिए उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का ज्यादा समय दक्षिण के राज्यों में दिया है। इसके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली को भी छू लिया है। राहुल जानते हैं कि अगर इन राज्यों में वह कांग्रेस को मजबूत बना लेते हैं तो 2024 में भाजपा का परेशानी में डाल सकते हैं। वहीं, एकजुट हो रहे विपक्ष में भी कांग्रेस की अहमतियत बढ़ जाएगी। 

 

तो भाजपा की क्या योजना है? 

प्रो. अजय सिंह कहते हैं, ‘भाजपा ने अपनी योजना पर काम शुरू कर दिया है। राहुल की इस यात्रा से जुड़ी छोटी सी छोटी बात पर भाजपा नेताओं का ध्यान है। राहुल कोई भी गलती करते हैं, तो उसे तुरंत सोशल मीडिया के जरिए वायरल करने की कोशिश की जा रही है।’

 



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By attkley

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