दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को फिल्म ‘फराज’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट इससे इनकार करते हुए कहा कि, ‘यह कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है और लोगों को इससे कोई व्यक्तिगत नुकसान नहीं हुआ है।’
दरअसल, यह फिल्म साल 2016 में बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले पर आधारित है, जिसमें वादी की बेटियों का निधन हो गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2016 में हुए इन आतंकवादी हमलों पर आधारित हंसल मेहता की फिल्म ‘फराज’ की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी है। फिल्म पर रोक लगाने के लिए इन हमलों का शिकार हुई लड़कियों की माताओं ने याचिका दायर की थी। लेकिन इस याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने फिल्म की रिलीज पर रोक का पूर्व का आदेश भी वापस ले लिया है। Bigg Boss 16: बिग बॉस के घर में गुम हुए अब्दु रॉजिक, परेशान घरवालों का ढूंढ-ढूंढकर हाल बेहाल
होली आर्टिसन कैफे पर हमले की शिकार दो लड़कियों की माताओं ने निर्देशक हंसल मेहता एवं अन्य के खिलाफ अर्जी दायर की थी। अर्जी दायर करते हुए फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग की थी कि ‘फराज’ के जरिए उनकी बेटियों को ‘खराब परिप्रेक्ष्य’ में दर्शाया जाएगा। इसके कारण न केवल उनकी मानसिक पीड़ा फिर से सामने आएगी, बल्कि मृतकों की निजता के अधिकारों का उल्लंघन भी होगा।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को फिल्म ‘फराज’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट इससे इनकार करते हुए कहा कि, ‘यह कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है और लोगों को इससे कोई व्यक्तिगत नुकसान नहीं हुआ है।’