कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि नामीबिया की दो मादा चीता, जिन्हें पहले क्वारंटाइन किया गया था, आज विशेषज्ञों की देखरेख में एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया।
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में नामीबिया से लाए गए चीतों का क्वारंटाइन समय खत्म चुका है। धीरे-धीरे चीतों को बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां वे शिकार कर रहे हैं। दो मादा चीतों को रविवार को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। अब तक पांच चीतों को शिकार करने के लिए छोड़ दिया गया है। संभावना है कि कल यानी सोमवार को शेष तीन चीतों को भी बड़े बाड़े में शिफ्ट कर दिया जाएं।
बता दें कि प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। उन्हें अलग-अलग क्वारंटाइन बाड़ों में रखा गया था। अब धीरे-धीरे उन्हें बड़े बाड़ों में छोड़ा जा रहा है। रविवार को जिन दो मादा चीतों को बड़े बाड़े में रिलीज किया गया है, उनके नाम आशा और तिबलिश बताए गए हैं। अब तक तीन नर और दो मादा चीताओं को रिलीज किया जा चुका है।
छह वर्ग किमी का है बड़ा बाड़ा
छह वर्ग किमी के घेरे में चीते शिकार को मारकर खाएंगे और स्वाभाविक रूप से खुद को ढाल लेंगे। बाड़े में पहले से ही हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय और अन्य वन्य जीवों को चीतों के शिकार करने के लिए रखा गया है। यहां तीन से चार महीने बिताने के बाद चीतों को जंगल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
24 घंटे में चार बार मिलेगी लोकेशन
वन विभाग के अधिकारी बड़े बाड़े में छोड़े गए चीतों की, उनके गले में पहनाए गए कॉलर आईडी से मॉनीटरिंग करेंगे। कॉलर आईडी से चीतों की लोकेशन सेटेलाइट के माध्यम से दिन में चार बार वन विभाग के अधिकारियों को सिस्टम पर ऑटोमैटिक मैसेज के माध्यम से मिलेगी। इसकी मदद से टीम जरूरत पड़ने पर चीतों के पास पहुंच सकेगी।