डॉ विश्वराज वेमाला
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एक भारतीय मूल के ब्रिटिश डॉक्टर ने लगभग पांच घंटे तक संघर्ष कर अपने साथी यात्री की जान बचा ली। बताया जा रहा है कि लंदन से बेंगलुरु जा रहे विमान में एक यात्री को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। जिसके बाद वहां सभी लोग उसे बचाने के लिए परेशान हो गए। इसी बीच एक भारतीय-ब्रिटिश डॉक्टर देवदूत की तरह सामने आए और काफी जद्दोजहद के बाद उसकी जान बचाने में कामयाब हो गए। बताया जा रहा है कि उड़ान के दौरान शख्स को दो बार दिल का दौरा पड़ा। स्थित ऐसी हो गई थी कि वह मुश्किल से सांस ले पा रहा था।

ऐसे बचाई जान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में काम करने वाले डॉ. विश्वराज वेमाला (48) अपनी मां के साथ विमान में भारत जा रहे थे, तभी एक साथी यात्री को दिल का दौरा पड़ गया। यह घटना नवंबर महीने की है।  वेमाला ने यात्री को होश में लाने का प्रयास किया, जिसकी उस समय नाड़ी भी ठीक से नहीं चल रही थी और वह सांस नहीं ले पा रहा था। वेमाला ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उसे वापस लाने में मुझे लगभग एक घंटे का समय लगा और पूरी तरह से होश में लाने के लिए करीब पांच घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। सौभाग्य से केबिन क्रू के पास एक आपातकालीन किट थी, जिसमें जीवन समर्थन को सक्षम करने के लिए पुनर्जीवन दवा शामिल थी। ऑक्सीजन और एक स्वचालित बाहरी डिफाइब्रिलेटर के अलावा, वेमाला, अन्य यात्रियों की मदद से, रोगी के महत्वपूर्ण संकेतों पर नजर रखने के लिए हृदय गति मॉनिटर, ब्लड प्रेशर मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर और ग्लूकोज मीटर प्राप्त करने में सफल रही।

दूसरी बार भी आया कार्डियक अरेस्ट
कुछ देर बाद ही यात्री को दूसरी बार कार्डियक अरेस्ट हुआ और इस बार उसे होश में लाने में अधिक समय लगा। वेमाला ने यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स द्वारा जारी एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर, उड़ान के लगभग दो घंटे तक उनकी नब्ज या रक्तचाप ठीक नहीं था, केबिन क्रू के साथ हम उन्हें कुल मिलाकर पांच घंटे तक जीवित रखने की कोशिश कर रहे थे।   

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एक भारतीय मूल के ब्रिटिश डॉक्टर ने लगभग पांच घंटे तक संघर्ष कर अपने साथी यात्री की जान बचा ली। बताया जा रहा है कि लंदन से बेंगलुरु जा रहे विमान में एक यात्री को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। जिसके बाद वहां सभी लोग उसे बचाने के लिए परेशान हो गए। इसी बीच एक भारतीय-ब्रिटिश डॉक्टर देवदूत की तरह सामने आए और काफी जद्दोजहद के बाद उसकी जान बचाने में कामयाब हो गए। बताया जा रहा है कि उड़ान के दौरान शख्स को दो बार दिल का दौरा पड़ा। स्थित ऐसी हो गई थी कि वह मुश्किल से सांस ले पा रहा था।

ऐसे बचाई जान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में काम करने वाले डॉ. विश्वराज वेमाला (48) अपनी मां के साथ विमान में भारत जा रहे थे, तभी एक साथी यात्री को दिल का दौरा पड़ गया। यह घटना नवंबर महीने की है।  वेमाला ने यात्री को होश में लाने का प्रयास किया, जिसकी उस समय नाड़ी भी ठीक से नहीं चल रही थी और वह सांस नहीं ले पा रहा था। वेमाला ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उसे वापस लाने में मुझे लगभग एक घंटे का समय लगा और पूरी तरह से होश में लाने के लिए करीब पांच घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। सौभाग्य से केबिन क्रू के पास एक आपातकालीन किट थी, जिसमें जीवन समर्थन को सक्षम करने के लिए पुनर्जीवन दवा शामिल थी। ऑक्सीजन और एक स्वचालित बाहरी डिफाइब्रिलेटर के अलावा, वेमाला, अन्य यात्रियों की मदद से, रोगी के महत्वपूर्ण संकेतों पर नजर रखने के लिए हृदय गति मॉनिटर, ब्लड प्रेशर मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर और ग्लूकोज मीटर प्राप्त करने में सफल रही।

दूसरी बार भी आया कार्डियक अरेस्ट

कुछ देर बाद ही यात्री को दूसरी बार कार्डियक अरेस्ट हुआ और इस बार उसे होश में लाने में अधिक समय लगा। वेमाला ने यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स द्वारा जारी एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर, उड़ान के लगभग दो घंटे तक उनकी नब्ज या रक्तचाप ठीक नहीं था, केबिन क्रू के साथ हम उन्हें कुल मिलाकर पांच घंटे तक जीवित रखने की कोशिश कर रहे थे।   





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By attkley

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