ब्राजील हिंसा
– फोटो : Amar Ujala
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ब्राजील में सोमवार को नई सरकार के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के समर्थकों ने जहां संसद, राष्ट्रपति भवन और सर्वोच्च न्यायालय में जमकर उत्पात मचाया वहीं, मंगलवार को दंगाइयों के विरुद्ध लोग सड़कों पर उतरे। दंगाइयों के खिलाफ सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोगों ने देश के लोकतांत्रिक संस्थानों पर हुए हमलों के विरोध में आवाज लगाई और नारा दिया, दंगाइयों को कोई माफी नहीं।
मौजूदा राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा के समर्थकों ने सोमवार को बोलसोनारो समर्थक दंगाइयों को जेल भेजने की मांग भी की। साओ पाउलो विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज के खचाखच भरे हॉल में दंगाइयों को जेल भेजने का नारा गूंजता रहा। बेट्टी आमीन (61) ने कहा, सोमवार को उग्र प्रदर्शन कर रहे लोगों को सजा मिलनी चाहिए, जिन लोगों ने इसके आदेश दिए, उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए, जिसने इसके लिए पैसा मुहैया कराया, उन्हें भी सजा दी जानी चाहिए। जवाबदेही तय करने की इन लोगों की मांग ने उस ‘माफी कानून’ की यादें ताजा कर दीं, जिसने देश की 1964-85 की तानाशाही के दौरान दुर्व्यवहार और हत्या के आरोपी सैन्य सदस्यों को संरक्षण दिया था। ब्रासीलिया विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर लुइस फेलिप मिगुएल ने ‘माफी नहीं’ शीर्षक से एक लेख में लिखा, सजा देने से इन्कार फिलहाल तनाव से बचा सकता है, लेकिन यह अस्थिरता को कायम रखता है। इस बीच, संघीय पुलिस के प्रेस कार्यालय ने बताया कि बल ने कम से कम 1,000 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की योजना बनाई है।
हिरासत में लिए बोलसोनारो के 1,500 समर्थक
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के सैकड़ों समर्थकों द्वारा ब्रासीलिया में जमकर उपद्रव मचाने के बाद 1,500 समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से 300 को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को पेट में दर्द के बाद फ्लोरिडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीएनएन ब्रासील वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बोलसोनारो ने कहा कि उन्होंने जनवरी के अंत तक अमेरिका में रहने की योजना बनाई थी, लेकिन अब उनके डॉक्टरों को दिखाने के लिए जल्द ही ब्राजील वापस जाने की योजना है।