Sikh Regiment
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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सेना में सेवारत सिख सैनिकों के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लोहे वाले हेलमेट की नई नीति लाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस संबंध में एडवोकेट धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर निर्णय वापस लेने को कहा है।
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय सेना में सेवारत सिखों को एक विशेष लोहे वाले हेलमेट को पहनने का निर्णय सिखों की विशिष्ट पहचान और सिख परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सिख परंपरा के अनुसार पगड़ी न केवल सिख के लिए एक परिधान है, बल्कि यह सिख विरासत का प्रतीक होने के साथ-साथ आध्यात्मिक और सैद्धांतिक महत्व भी रखती है। सिखों की पगड़ी के प्रति प्रतिबद्धता भी सिख गौरव और गुरु साहिब की आज्ञा के पालन को दर्शाती है। किसी भी सिख सैनिक पर लोहे की टोपी टाइप हेलमेंट लगाने का आदेश सिख बने रहने की चुनौती है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख सैनिकों को लोहे के विशेष तरह के हेलमेट पहनने का फैसला सिखों की धार्मिक भावनाओं पर बड़ा आघात है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मुगलों के खिलाफ गुरुओं की लड़ाई और विश्व युद्धों के दौरान सिखों ने पगड़ी पहनकर लड़ाई लड़ी है। सारागढ़ी की लड़ाई और भारतीय सेना के युद्ध महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।