जोशीमठ बचाओ का नारा देते राहुल गांधी
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भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ की व्यथा जानने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी उत्तराखंड आएंगे। प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के अनुरोध पर राहुल फरवरी महीने में जोशीमठ आने को राजी हो गए हैं। राहुल की इस हामी के साथ ही जोशीमठ पर सियासत भी गरमा उठी है। भाजपा ने इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया है। साथ ही इसे कांग्रेस की नकारात्मक रणनीति का हिस्सा बताया है। खास बात यह है कि जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र में अभी तक रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट को छोड़कर भाजपा के किसी बड़े केंद्रीय नेता ने दौरा नहीं किया है।

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उधर, जम्मू में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने जोशीमठ आपदा से जुड़े मुद्दों पर प्रदर्शन किया। दिलचस्प है कि राहुल को जोशीमठ आने का न्योता देने वाले यही कांग्रेसी दिग्गज कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले थे। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रीतम सिंह समेत कई नेता शामिल थे।

उन्होंने धामी को जोशीमठ के पौराणिक, धार्मिक और व्यवसायिक अस्तित्व को बचाने के कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे। साथ ही जोशीमठ और प्रभावितों के हित में सरकार को पूरा सहयोग देने का वादा भी किया था। लेकिन अब राहुल गांधी की फरवरी में जोशीमठ यात्रा को लेकर सरकार और भाजपा दोनों असहज हैं।

भारत जोड़ो यात्रा का 130वां दिन जोशीमठ को समर्पित कर दिया

प्रदेश कांग्रेस के नेता मंगलवार को जम्मू पहुंचे, जहां उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया। यह यात्रा का 130वां दिन था। पार्टी ने इस दिन को जोशीमठ की आपदा को समर्पित कर दिया। बकौल प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, यात्रा के दौरान देश का ध्यान जोशीमठ में भू-धंसाव से हो रहे नुकसान के प्रति देश का ध्यान आकर्षित किया गया। राहुल गांधी ने फरवरी में उत्तराखंड का दौरा करने और जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र में जाकर प्रभावितों से चर्चा करने का फैसला किया है।

सबको मिलकर जोशीमठ को बचाना है- राहुल गांधी

आज की भारत जोड़ो यात्रा जोशीमठ को समर्पित है। हम सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जोशीमठ को बचाना है। हिमालयी राज्य होने के नाते हमें पर्यावरण की रक्षा भी करनी है। साथ ही हमें लोगों के हितों का भी ध्यान देना है। सरकार को चाहिए की वह जल्द पुनर्वास व क्षतिपूर्ति करे ताकि प्रभावितों की जिंदगी आगे बढ़ सके। कोई सार्थक नीति तैयार करे। हिमालयी राज्य होने के कारण उत्तराखंड देश में विकास की दौड़ में पीछे नहीं छूटना चाहिए।



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By attkley

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