भू-धंसाव से जोशीमठ नगर में सर्वाधिक प्रभावित मनोहर बाग, सिंहधार, गांधी नगर और सुनील वार्ड के लोगों के असुरक्षित घरों को छोड़कर जाने और किराएदारों के शिफ्ट करने से इन वार्डों से चहल पहल गायब हो गई है। जहां हर समय बच्चों की मौजूदगी नजर आती थी अब वहां की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
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भू धंसाव से नगर में सबसे अधिक प्रभावित इन चार वार्डों में 181 मकान असुरक्षित घोषित किए गए। नगर के दरार वाले 868 मकानों में से 521 मकान इन चारों वार्डों में ही हैं। इन क्षेत्रों के असुरक्षित घरों से तो परिवार और किराएदार चले ही गए, साथ ही दरार वाले घरों से भी कई किराएदार दूसरी जगह शिफ्ट कर चुके हैं।
ऐसे में इन वार्डों की रौनक पूरी तरह से गायब हो गई है। यहां की गलियों में कम ही बच्चे खेलते हुए नजर आते हैं। लोगों का आवागमन भी बहुत सीमित हो गया है। ज्यादातर घरों में ताले लगे होने से सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग चिंतित हैँ कि क्या फिर कभी इन वार्डों में रौनक लौटेगी।
चार वार्डों की स्थिति
वार्ड दारारें असुरक्षित
मनोहर बाग 131 27
सिंहधार वार्ड 156 98
गांधी नगर 156 28
सुनील वार्ड 78 28
मारवाड़ी 53 0
अपर बाजार 40 0
लोअर बाजार 38 0
परसारी 55 0
रविग्राम 161 0
कुल 868 181
वहीं, भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के लिए बनाए जा रहे प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण कछुवा गति से चल रहा है। शासन-प्रशासन ने जल्द ही इन घरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर देने का दावा किया था। ऐसे में प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर सरकार की संजीदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जोशीमठ के उद्यान विभाग की भूमि पर 18 जनवरी से तीन मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम शुरु हुआ था, जबकि ढाक गांव में 26 जनवरी से 15 घर बनाए जा रहे हैं। मॉडल घरों को आपदा प्रभावितों को दिखाया जाना है। प्रभावितों ने यदि इनमें रहने की सहमति दी तो ढाक सहित अन्य पुनर्वास वाली जगहों पर इन घरों का निर्माण किया जाएगा लेकिन हटों के निर्माण की धीमी गति आपदा प्रभावितों को चिढ़ा रही है।