Medical Students: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने शनिवार को कहा कि सरकार अगले चार साल में मेडिकल की अंडर ग्रेजुएट (UG) और पोस्ट ग्रेजुएट (PG) पाठ्यक्रम की सीटों की संख्या समान करने की दिशा में काम कर रही है ताकि सभी एमबीबीएस स्नातक विद्यार्थी स्नातकोत्तर कर सकें.

डिस्पेंसरी खोलने पर डॉक्टरों की जरुरत होती है
केंद्रीय मंत्री कहा, ‘जब हम डिस्पेंसरी खोलते हैं तो हमें डॉक्टरों की जरूरत होती है. आठ साल पहले भारत में एमबीबीएस की 51 हजार सीटें थीं. अब हमारे पास स्नातक पाठ्यक्रम की 1,00,226 सीटें हैं और स्नातकोत्तर की सीटें 34 हजार से बढ़कर 64 हजार हो गई हैं.’

हमने यह लक्ष्य रखा है
मांडविया ने कहा, ‘‘हमने एमबीबीएस UG और PG सीटों की संख्या को सामान करने का लक्ष्य रखा है ताकि हमारे सभी डॉक्टरों को पीजी पाठ्यक्रम में पंजीकृत होने और बेहतर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सके.’’

भारतीय मूल के स्वास्थ्य पेशेवरों को दिया ये न्योता
मांडविया ने भारतीय मूल के स्वास्थ्य पेशेवरों को देश में अनुंसधान और अस्पतालों की श्रृंखला में ‘निश्चित कारोबार’ के साथ निवेश का न्योता दिया.

केंद्रीय मंतरी गांधीनगर, गुजरात में ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजन (जीएपीआईओ) के 13वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

(इनपुट – भाषा)

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