Sri Lanka President Ranil Wickremesinghe
– फोटो : Agency (File Photo)

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राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि उनकी प्राथमिकता कर्ज के बोझ से दबे श्रीलंका की आर्थिक रिकवरी करना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना भी उनकी प्राथमिकता  है कि देश को अराजकता में गिरने से रोकने के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए।

श्रीलंका अभी देश की आजादी के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विक्रमसिंघे ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार मेरी प्राथमिकता है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि देश को अराजकता में गिरने से रोकने के लिए मौजूदा कानून-व्यवस्था बनी रहे। 

उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल आर्थिक सुधार के बाद देश मतपत्र के उपयोग के साथ भविष्य पर फैसला करने की स्थिति में होगा। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की टिप्पणियों ने अगले साल तक चुनावों को स्थगित करने की संभावना का संकेत दिया और ऐसा लगता है कि 9 मार्च को स्थानीय चुनाव नहीं होंगे।

इससे पहले श्रीलंका के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि 22, 23 और 24 फरवरी को होने वाले मतपत्र से मतदान संभव नहीं होंगे। सरकार ने आयोग को सूचित किया है कि गंभीर आर्थिक संकट के कारण इन चुनावों को आयोजित करने के लिए कोई पैसा जारी नहीं किया जा सकता है। 

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार हार के डर से 340 स्थानीय परिषदों के चुनाव स्थगित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने योजना बनाई है कि वह सरकार के खिलाफ सिलसिलेवार विरोध प्रदर्शन करेगी, ताकि उसे चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके। 



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By attkley

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