उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।
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उत्तर कोरिया ने कहा है कि गुरुवार को उसके द्वारा अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) ‘ह्वसोंगफो-17’ का परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरिया को एक ‘सख्त चेतावनी’ देने के लिए किया गया। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे युद्ध अभ्यास को उकसावे वाली गतिविधि बताई। कहा है कि ‘दोनों देश बड़े पैमाने पर आक्रामक युद्धाभ्यास का आयोजन कर उसे उकसा रहे हैं।’ बता दें कि उत्तर कोरिया ने ह्वसोंगफो-17 नाम की आईसीबीएम मिसाइल का परीक्षण किया है।

उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA ने कहा, ‘अमेरिका और दक्षिण कोरिया के उन्मादी, उकसावे वाली एवं आक्रामक युद्धाभ्यास के जरिए कोरियाई प्रायद्वीप में अत्यधिक अस्थाई सुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। इससे हालात काफी खराब हो गए हैं। यह डीपीआरके के खिलाफ है। इसे देखते हुए वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने 16 मार्च को आईसीबीएम ह्वासोंगफो-17 का परीक्षण किया।’

एक महीने में तीसरी बार हथियार का परीक्षण 

उत्तर कोरिया कोरिया ने एक महीने के अंदर तीसरी बार किसी हथियार का परीक्षण किया है। इसके पहले फरवरी में भी ICBM हथियार का परीक्षण किया था है। इस मिसाइल के परीक्षण पर दक्षिण कोरियाई सेना का भी बयान आया है। दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से सुबह करीब सात बजकर 10 मिनट पर प्रक्षेपित किए जाने के बाद आईसीबीएम ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी जल क्षेत्र की ओर उड़ान भरी। बयान के मुताबिक, आईसीबीएम ने कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच के जलक्षेत्र में उतरने से पहले करीब 1,000 किलोमीटर की दूरी तय की।

इस बीच, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बृहस्पतिवार को तोक्यो में शिखर वार्ता शुरू की। दोनों देशों के बीच एक दशक से अधिक समय के बाद पहली बार शिखर वार्ता हो रही है। किशिदा ने टोक्यो रवाना होने से पहले कहा था, ‘उत्तर कोरिया को लापरवाही भरे उकसावों की कीमत चुकानी पड़ेगी।’

रविवार को दागीं थीं क्रूज मिसाइलें

दक्षिण कोरिया की सेना के अनुसार, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के पांच साल में सबसे बड़े युद्धाभ्यास शुरू होने के बाद मंगलवार को उत्तर कोरिया ने प्रक्षेपण में दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इससे पहले रविवार को प्योंगयांग ने अमेरिका-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास के स्पष्ट विरोध में एक पनडुब्बी से दो रणनीतिक क्रूज मिसाइलें दागीं थीं। फ्रीडम शील्ड के नाम से मशहूर अमेरिका-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास सोमवार से शुरू हुआ और 10 दिनों तक चलेगा। मित्र राष्ट्रों ने कहा है कि फ़्रीडम शील्ड अभ्यास उत्तर कोरिया की दोगुनी आक्रामकता के कारण “बदलते सुरक्षा वातावरण” पर केंद्रित है।

पहले भी तानाशाह के मंत्री ने दी थी चेतावनी  

अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच 13 मार्च से 23 मार्च तक युद्धाभ्यास चल रहा है। इसके शुरू होने से पहले ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के मंत्री किम सोन ग्योंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया को बड़ी चेतावनी दी थी। किम ने कहा था कि इस तरह की “गैर-जिम्मेदार हरकतें” क्षेत्रीय स्थिति को “बहुत ही महत्वपूर्ण और बेकाबू चरण” में ले जाएंगी। यह खेदजनक है कि संयुक्त राष्ट्र अभ्यासों पर लगातार चुप रहा है, जिसमें “स्पष्ट आक्रामक प्रकृति” है। 

2017 में पहली बार सामने आई थी ह्वासोंग-17 मिसाइल

गुरुवार को दागी गई मिसाइल (ICBM) 6200 किमी की ऊंचाई तक पहुंची और इसकी 1080 किमी की रेंज दर्ज की गई। इससे पता चलता है कि यह अक्टूबर 2020 में डीपीआरके मिलिट्री परेड में पहली बार दुनिया के सामने आई विशालकाय ह्वासोंग-17 मिसाइल ही है। उत्तर कोरिया के पास ह्वासोंग-15 आईसीबीएम भी है। 

 



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By attkley

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