श्रम्या की बहादुरी और संयम को लोग खूब प्रशंसा कर रहे हैं. श्रम्या पुत्तूर के विवेकानंद डिग्री कॉलेज में पढ़ती हैं और उनकी मां ममता राय कीयूर ग्राम पंचायत में काम करती हैं. श्रम्या ने बताया कि वह पुत्तूर में अपनी मां से मिलने खेत में जा रही थीं. ममता उस वक्त पानी का पंप स्टार्ट करने कृषि क्षेत्र में गई हुई थी.
वापस लौटते समय कोबरा सांप ने उसके पैर में काट लिया. जब उसे पता चला कि उसे अभी-अभी किसी जहरीले सांप ने काटा है, तो उसने तुरंत ही काटने के निशान को सूखी घास की गांठ से ढक दिया, ताकि जहर ऊपर की ओर न फैल सके और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान न पहुंचाए.
जिसके बाद श्रम्या ने अपनी मां के पैर से जहर निकाला और उसे अस्पताल ले गई. डॉक्टरों ने कहा कि श्रम्या की सतर्कता की वजह से ममता की जान बच सकी. श्रम्या से जब पूछा गया तो उसने कहा कि उसने यह तरीका फिल्मों में देखा और सुना था.
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