छाबड़ा नगरपालिका के पार्षद विपिन शर्मा, रोहित अरोड़ा और मनमोहन सेन को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
तीनों ने करीब दो घंटे तक कृषि उपज मंडी परिसर में लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की पानी टंकी पर चढ़े रहे और छाबड़ा के लोगों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
तहसीलदार मुकेश मीणा और छाबड़ा थाने के एसएचओ राजेश कुमार के हस्तक्षेप के बाद, प्रदर्शनकारी पार्षद नीचे उतरे और अधिकारियों को गहलोत को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें छाबड़ा को नया जिला घोषित करने की मांग की गई है.
भाजपा नेताओं ने मांग पूरी नहीं होने पर फिर से आंदोलन शुरू करने की धमकी दी.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)