मुस्लिमों से दूरी खत्म करने की कोशिश
साफ है मोदी सरकार मुस्लिमों के साथ दूरी खत्म करने हर मुमकिन कोशिश कर रही है और इसकी बानगी भी दिख रही है. जाहिर है अब मन की बात का सौवां संस्करण भी एक नई बुनियाद का सबब बनने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सौवें मन की बात के तीन बड़े टेकअवे आपके सामने हैं. जल्द ही सौवां एपिसोड ऑन एयर होने वाला है. इस विशेष प्रसारण की एक विशेषता ये है कि इस बार उत्तर प्रदेश के सौ मदरसों के बच्चों को पीएम मोदी की भावी योजनाओं की तैयारियों का अंदाजा लगेगा. वो सुनेंगे और समझेंगे कि पीएम मोदी किस तरह देश के भविष्य की बुनियाद रख रहे हैं. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने पीएम मोदी के सौवें मन की बात को 100 मदरसों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.
मदरसों में मन की बात का स्वागत
मन की बात सौ मदरसों में सुनाए जाने की खबर का स्वागत किया जा रहा है. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने इसे अच्छी पहल बताते हुए सौ की बजाय कम से कम एक हजार मदरसों में पीएम की बात सुनाए जाने का प्रस्ताव रखा है. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने कहा कि बहुत अच्छा फैसला है. लेकिन सौ मदरसे कम हैं. मेरी मांग है कि कम से कम एक हजार मदरसों में मन की बात जानी चाहिए. पीएम मोदी की जो ख्वाहिश है वो मदरसे के हर बच्चे तक पहुंचनी चाहिए. उनकी ख्वाहिश है कि मदरसे के हर बच्चे के एक हाथ में कुरान हो और दूसरे हाथ में लैपटॉप हो.
सपा ने किया इस बात का विरोध
मदरसों तक मन की बात पहुंचाने की योजना में जाहिर है कि विरोधियों को सियासत दिखाई दे रही है. समाजवादी पार्टी ने कहा है पीएम पहले मदरसों को भला करें फिर मन की बात करें. सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि मेरी तो प्रधानमंत्री मोदी से दरख्वास्त है कि मदरसों के हालात को पहले देखें. पहले उनको सुधारें. मन की बात करें अगर वाकई उनका उद्धार करना चाहते हों. एक तरफ आपके नेता असम में मदरसों पर बुलडोजर चलवा रहें दूसरी तरफ मन की बात सुना रहे हैं. यूपी के मदरसों में मन की बात सुनाए जाने पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन का आरोप है कि मुसलमानों को बांटने की साजिश हो रही है.
दरअसल बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही कार्यकाल में मुस्लिमों और बीजेपी के बीच रिश्ते की इस बड़ी योजना की नींव रख दी थी. सौ मदरसों तक मन की बात के साथ बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की मुस्लिमों में पार्टी की पैठ बनाने की कुछ और भी योजनाएं हैं. मसलन 2022 में प्रसारित मन की बात के 12 मासिक प्रसारणों को उर्दू में किताब के बतौर छपवाया जाएगा, जिसे मौलानाओं और इस्लामिक स्कॉलर्स को उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही इसकी एक लाख प्रतियां उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समाज के लोगों के बीच भी बांटी जाएंगी.
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