पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज इलाके में नाबालिग से दुष्कर्म के बाद हत्या और पुलिस वालों द्वारा मृतका का शव घसीटते हुए वीडियो वायरल होने के बाद ये मामला तूल पकड़ चुका है। इस घटना को लेकर भाजपा और स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए हैं। वहीं, शनिवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार को इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने इलाके में तनाव और निषेधाज्ञा लागू होने के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एहतियाती उपाय के रूप में इलाके में निषेधाज्ञा लागू की गई है। फिलहाल निषेधाज्ञा आज से एक पखवाड़े के लिए लागू की गई है, लेकिन समीक्षा के आधार पर इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। उन्होंने बताया कि जब तक इलाके में धारा 144 लागू रहेगी एक साथ चार या उससे अधिक लोगों को इकट्ठे होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में आयोग के अन्य प्रतिनिधियों द्वारा मृतका के परिवार से मुलाकात से मुलाकात भी की। इसे लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानूनगो को एनसीपीसीआर के तीन अन्य प्रतिनिधियों के साथ मृतका के परिवार से मिलने की अनुमति दी गई थी। इस दौरान उनके साथ पुलिस भी थी।
केंद्र और राज्य आयोग के बीच ठनी
वहीं, दूसरी ओर एनसीपीसीआर के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के मृतका के परिजनों से मुलाकात पर बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए पश्चिम बंगाल के आयोग ने एतराज किया है। WBCPCR ने आरोप लगाते हुए कहा कि कानूनगो और उनकी टीम मामले का राजनीतिकरण करना चाह रहे हैं। इसलिए उन्होंने क्षेत्र का दौरा किया। वे सीपीसीआर अधिनियम का उल्लंघन कर रहे थे। WBCPCR की चेयरमैन अनन्या चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि NCPCR टीम को इलाके का दौरा करने की कोई ज़रूरत नहीं थी।
उन्होंने केंद्र के आयोग पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि एनसीपीसीआर टीम राज्य को बदनाम करने के उद्देश्य के साथ अवैध रूप से मृतका के परिजनों के मिलने गई। उन्होंने धारा 144 का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए पत्रकारों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ मृतका के घर ले गए। यह शर्मनाक है।
टीएमसी और भाजपा नेताओं मे भी छिड़ी जंग
एनसीपीसीआर टीम द्वारा मृतका के परिजनों से मुलाकात के बाद शुरू हुई बयानबाजी सिर्फ केंद्र और राज्य के आयोग तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि इसे लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। रविवार को इसे लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता न ने टीएमसी और ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार को रोकने में पूरी तरह से विफल रही है। जब कलियागंज के लोगों ने लड़की की नृशंस हत्या के खिलाफ आंदोलन किया, तो पुलिस ने उन्हें पीटा और लोगों की भावनाओं को आहत करते हुए सबसे असंवेदनशील तरीके से शव को कब्जे में लिया।
एनसीपीसीआर टीम के दौरे को सही ठहराते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि एनसीपीसीआर के साथ मिलकर काम करने के बजाय डब्ल्यूबीसीपीसीआर टीएमसी सरकार के इशारे पर काम कर रही है। राज्य सरकार के कहने पर वे केंद्रीय पैनल के दौरे पर एतराज जता रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए पीड़ितों को न्याय केवल केंद्रीय बाल आयोग द्वारा दिया जा सकता है। साथ ही राज्य को इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
टीएमसी ने दी प्रतिक्रिया
वहीं दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने भी भाजपा के हमले पर पलटवार किया है। टीएमसी के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा के इशारे पर एनसीपीसीआर द्वारा मृतका के परिजनों से मुलाकात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनसीपीसीआर प्रमुख ने राजनीतिक कारणों से वहां का दौरा किया। भाजपा पर आरोप लगाते हुए कुणाल घोष ने कहा कि पुलिस घटना की जांच कर रही है, लेकिन इससे पहले ही भाजपा हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और अफवाह उड़ाकर लोगों को भड़का रहे हैं।
इलाके में फिलहाल शांति
वहीं, इलाके में धारा 144 लागू होने और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच कालियागंज में फिलहाल शांति है। मृतका का शव बरामद होने के बाद हिंसा और पुलिस के साथ झड़प के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मृतका की मां द्वारा दायर शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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क्या है पूरा मामला
उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज की रहने वाली नाबालिग किशोरी शाम के समय ट्यूशन जाने के लिए घर से निकली थी। देर शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर घरवाले घबरा गए। उन्होंने आसपास के इलाकों में तलाशी शुरू की। काफी देर होने पर उन्होंने पास के थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई। गायब होने के दूसरे ही दिन पुलिस को किशोरी का शव एक नहर में मिला। इसके बाद पुलिस नाबालिग के शव को घसीटते हुए ले गई, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद लोग शुक्रवार को सड़कों पर उतरे और शनिवार को भी सुबह से स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले छोड़े। स्थानीय लोग अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस पर पथराव किया।