भारत में अंगदान और प्रत्यारोपण के आंकड़ों की समीक्षा
केंद्रीय स्तर पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट पालिसी पर काम करने वाली संस्था network of Organ & Tissues Transplant Organizations (NOTTO) का राज्यों के ट्रांसप्लांट सिस्टम के साथ बेहतर काम कर रहा है. इसकी वजह से दान किए गए अंगों का बेहतर और समय पर इस्तेमाल हो पा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज भारत में अंगदान और प्रत्यारोपण के आंकड़ों की समीक्षा की. आंकलन के मुताबिक 2016 में 2265 ऑर्गन काम में लाए जा सके थे. ये ऑर्गन 930 लोगों की मौत के बाद दान किए गए थे. जबकि 2022 में 904 लोगों से 2765 अंग इस्तेमाल किए जा सके. 2013 में 5 हजार Organ Transplant हुए तो 2022 में 15 हजार से ज्यादा ट्रांसप्लांट किए गए.
42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव
भारत सरकार ने ऐसे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए 42 दिन की स्पेशल कैजुअस लीव (Casual Leaves) का प्रावधान रखा है. जो किसी को ऑर्गन डोनेट करते हैं. इस बीच एम्स में दिल्ली में एक्सीडेंट में मारे गए एक 59 साल के व्यक्ति के परिजनों ने उसके सभी अंग दान किए हैं. जिन्हें समय रहते इस्तेमाल कर लिया गया है. 59 साल के रुपचंद्र सिंह अपने बेटे के साथ स्कूटर पर जा रहे थे अचानक दिल्ली में शादीपुर डिपो के पास उनका एक्सीडेंट हो गया. उन्हें फौरन एम्स के ट्रामा सेंटर लाया गया जहां 2 मई की दोपहर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. परिवार वाले समझाने के बाद अंगदान के लिए राजी हो गए.
अंगदान को लेकर एक समस्या ये भी
मृत व्यक्ति के दिल को दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेजा गया. लिवर को AHRR अस्पताल भेजा गया. किडनी को एम्स और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इस्तेमाल किया गया. आँखों के कोर्निया को एम्स के आई बैंक में रखा गया है. इन सभी अंगों को तय समय में अलग अलग लोकेशन्स पर पहुंचाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरीडोर बनाया. भारत में अंगदान के अलावा एक समस्या ये भी है कि डोनेट किए गए अंगों को समय पर इस्तेमाल नहीं किया जा पाता और वो बेकार हो जाते हैं.
इतने समय में लग जाने चाहिए अंग
दिल- 4 से 6 घंटा
फेफड़े- 4 से 6 घंटा
किडनी- 48 से 72 घंटा
लिवर- 12 से 24 घंटा
पैंक्रियाज- 12 से 18 घंटा
आंत- 6 से 12 घंटा
आंखें- 4 से 6 घंटे के अंदर मृतक के शरीर से निकाल लेनी चाहिए. आंखों से कॉर्निया और आइबॉल जैसे पार्ट लिए जाते हैं. आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि एक व्यक्ति की आंखें सिर्फ एक ही व्यक्ति को रोशनी दे सकती हैं. बल्कि एक व्यक्ति के कॉर्निया से 3 से 4 लोगों की जिंदगी को रोशन किया जा सकता है.