एआईएडीएमके (AIADMK) से निष्कासित नेता ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) ने सोमवार को अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के प्रमुख टीटीवी दिनाकरन से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने तमिलनाडु में एडप्पादी के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके और सत्तारूढ़ डीएमके दोनों से मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करने की घोषणा की।
दिनाकरण से संबंध तोड़ने के करीब छह साल बाद पन्नीरसेल्वम ने उनसे हाथ मिलाया। दिग्गज नेता पनरुति एस रामचंद्रन ने कहा कि पन्नीरसेल्वम और दिनाकरण के बीच नए समझौते को अंतिम रूप दिया गया है, जो सीपीआई और सीपीआई (एम) के बीच हुए समझौते की तरह है। उन्होंने कहा कि यह कदम पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा को देखते हुए उठाया गया है।
दिनाकरन शशिकला के भतीजे हैं और जयललिता की मृत्यु के बाद 2017 में ओपीएस और पलानीस्वामी ने दोनों को पार्टी से बाहर कर दिया था। बैठक में हिस्सा लेने वाले ओपीएस के वफादार नेता रामचंद्रन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जल्द ही पूर्व पार्टी सुप्रीमो जे जयललिता की विश्वासपात्र वीके शशिकला भी से मुलाकात करेंगे। पलानीस्वामी का मुकाबला करने के लिए शशिकला राज्य भर में अपने समर्थकों से भी मिल रही हैं।
शहर का पॉश इलाका अडयार में अपने आवास पर करीब 40 मिनट की मुलाकात के बाद दिनाकरन ने संवाददाताओं से कहा कि हम अपने विश्वासघातियों (पलानीस्वामी) और अपने दुश्मनों (डीएमके) को हराना चाहते हैं। पन्नीरसेल्वम और दिनाकरण ने मुस्कराते हुए हाथ मिलाया, जो एआईएडीएमके से निकाले गए प्रमुख नेताओं के एक साथ आने का संकेत है। पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों को पिछले साल पार्टी से बाहर कर दिया गया था और इसे चुनौती देने वाले कुछ संबंधित मामले अदालत में हैं।
2018 में एएमएमके की स्थापना करने वाले दिनाकरन ने कहा कि उनके और ओपीएस के बीच कभी किसी तरह की दुश्मनी या शत्रुता नहीं थी और वे कुछ कारणों से अलग हुए थे और अब एक साथ आ गए हैं।
यह कहते हुए कि वह जल्द ही ‘चिन्नम्मा’ से मिलेंगे (शशिकला को उनके समर्थक चिन्नम्मा कहते हैं), पन्नीरसेल्वम ने जोर देकर कहा कि यह व्यवस्था “अम्मा के कैडरों” को एक साथ लाने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में पहला कदम है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक से निष्कासन के संबंध में अदालती मामले अदालत में लंबित हैं और कानूनी लड़ाई आगे बढ़ाई जाएगी।
दिनाकरन ने कहा, “हम किसी स्वार्थ के लिए हाथ नहीं मिला रहे हैं बल्कि हमारा एकमात्र लक्ष्य पुराची थलाइवर (एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन) के संगठन को अम्मा ( पार्टी की दिवंगत मुखिया जयललिता) के सच्चे कार्यकर्ताओं के हाथों में सौंपना है।”
एएमएमके के शीर्ष नेता दिनाकरन ने स्पष्ट रूप से पलानीस्वामी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को उन लोगों से वापस लाना होगा जिन्होंने इसे “अपहृत” किया था। उन्होंने सत्तारूढ़ द्रमुक को भी एक ‘बुरी ताकत’ बताया और कहा कि यही पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा है और अब इसे औपचारिक रूप दे दिया गया है। दिनाकरन और ओपीएस के बीच कटुता के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केवल भविष्य के लक्ष्य महत्वपूर्ण हैं, अतीत पर ध्यान देने की कोई आवश्यकता नहीं है।