गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण
हालांकि, आरोपी सद्दाम ने धर्मांतरण की साजिश रचने के आरोपों को नकार दिया है. उसने दावा किया कि वो लड़की से प्यार करता है और सिर्फ मिलने के लिए महाराष्ट्र से संभल आया था. इस बीच गाजियाबाद में गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण के मामले में पुलिस को मास्टरमाइंड शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो का पता चल गया है जो ठाणे का रहने वाला है. पुलिस की टीम महाराष्ट्र भी गई है लेकिन बद्दो शाजिया अपार्टमेंट स्थित अपने घर से फरार है.
पाकिस्तान से जुड़े धर्मांतरण के तार
कहा जा रहा है कि गेमिंग ऐप की आड़ में धर्मांतरण के इस मॉड्यूल ने सैकड़ों लोगों का ब्रेनवॉश किया. आरोप है कि इस गिरोह ने सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण कराया, जिसमें से पांच लोग अब तक सामने आ चुके हैं. धर्मांतरण के इस मामले के तार पाकिस्तान से भी जुड़ रहे हैं. विदेशी फंडिंग की बात भी सामने आ रही है. इसलिए जांच में अब स्थानीय पुलिस के साथ साथ आईबी, एटीएस सीआईडी और एनआईए भी जुट गई हैं.
खुफिया एजेंसियों को है ये शक
दरअसल, खुफिया एजेंसियों को शक है कि शाहनवाज ने धर्मांतरण के लिए बड़ा बेस तैयार किया था और हो सकता है कि वो महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में भी गाजियाबाद की ही तर्ज पर बच्चों का धर्मांतरण करवाता हो. इसके अलावा खुफिया एजेंसियां ये जानना चाहती हैं कि शाहनवाज कहीं किसी आतंकी संगठन के रिक्रूटमेंट सेल का हिस्सा तो नहीं था? बच्चों के धर्मांतरण करने के पीछे उन्हें देशविरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने की बड़ी साजिश तो नहीं थी?
मॉडल मानवी के तनवीर पर गंभीर आरोप
इस बीच, मुस्लिम शख्स पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाने वाली मॉडल मानवी रांची पहुंचीं. इसके बाद सदर अस्पताल में उसका मेडिकल टेस्ट कराया. इस दौरान पीड़ित ने बताया कि यश मॉडल्स के संचालक तनवीर उस पर लगातार धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रहा था. मॉडल ने तनवीर पर मारपीट, रेप और ब्लैकमेलिंग का आरोप भी लगाया है. फिलहाल आरोपी तनवीर खान पुलिस की पकड़ से बाहर है. पुलिस को शक है कि गिरफ्तारी से बचने रके लिए तनवीर विदेश भाग गया है.
इस बीच मध्य प्रदेश के दमोह में गंगा-जमुना हाई स्कूल में हिजाब पहनने के लिए दबाव बनाने के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी के बयान से जिलाधिकारी पर सवाल उठ रहे हैं. जिला शिक्षा अधिकारी ने दावा किया है कि जिलाधिकारी मयंक अग्रवाल इस मामले में जिस जांच का हवाला दे रहे हैं वो कभी हुई ही नहीं थी. मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री ने पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए थे. हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारी का दावा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं आया है.
दरअसल, दमोह के गंगा-जमुना हाई स्कूल के कुछ वीडियो और फोटो वायरल हुई थीं जिसमें गैर-मुस्लिम धर्म की छात्राओं ने भी हिजाब पहना हुआ था. हालांकि कलेक्टर ने एक ट्वीट करके स्कूल को क्लीन चिट दे दी गई थी. ट्वीट में दमोह के कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने लिखा था कि जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में लगे पोस्टर के मामले की जांच की जिसमें ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया.
कलेक्टर के इसी ट्वीट पर दमोह के एसपी राकेश कुमार सिंह ने लिखा कि जांच में कोई भी दोषी नहीं पाया गया लेकिन अब शिक्षा अधिकारी ने इस पूरी जांच से खुद ही इनकार कर दिया है. अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दमोह की घटना में मेरे पास रिपोर्ट आई है जिसमें दो बेटियों ने बयान भी दिए हैं. उनको बाध्य किया गया था. हम इस मामले में FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई करेंगे.
स्कूल के मैनेजमैंट पर तीन टीचर्स का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है. हालांकि, प्रिसिंपल समेत तीनों टीचर्स ने दावा किया है कि स्कूल में जॉइनिंग से कई साल पहले ही उन्होंने अपनी इच्छा से धर्म बदल लिया था. हालांकि नाबालिग बच्चों पर धर्मांतरण का दबाव बनाने के आरोप अब भी कायम हैं जिसकी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ सकेगी.
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