अपने माता-पिता के साथ अरिहा शाह
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बर्लिन की एक कोर्ट ने 27 महीने की भारतीय बच्ची अरिहा शाह की कस्टडी उसके माता-पिता को देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने बच्ची को जर्मनी यूथ वेलफेयर ऑफिस की देखरेख में बच्ची को रखने का निर्देश दिया है। बता दें कि सितंबर 2021 से अरिहा जर्मनी की सरकार की कस्टडी में है। शुक्रवार को जर्मन कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की थी। इस दौरान अरिहा के माता-पिता ने दलील दी कि बच्ची को दुर्घटनावश चोट लगी लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को मानने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कही ये बात
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्ची की सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट ने उसकी कस्टडी उसके माता-पिता को देने की बजाय जर्मनी यूथ वेलफेयर ऑफिस को दी। कोर्ट ने कहा कि उनका ये मानना है कि माता-पिता ने जानबूझकर बच्ची को चोट पहुंचाई और वह चोट लगने की वजह का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
कोर्ट ने कहा कि अरिहा को अप्रैल 2021 में सिर और कमर पर चोट लगी थी। वहीं सितंबर 2021 में बच्ची के निजी अंगों में भी चोट लगी थी। परिजनों ने दावा किया कि बच्ची को नहलाने के दौरान यह चोट लगीं लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया।
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भारत सरकार भी कर रही मदद
अरिहा को वापस उसके माता-पिता के पास लाने में भारत सरकार भी मदद कर रही है। 2 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी कर कहा था कि बच्ची को जर्मन फोस्टर केयर में रखना उसके सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई अधिकार का उल्लंघन है। भारत सरकार और उसके माता-पिता इस बात से बेहद चिंतित हैं। भारत की 19 राजनीतिक पार्टियों के 59 सांसद भी भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन को पत्र लिखकर अरिहा की कस्टडी उसके भारतीय माता-पिता को देने की अपील कर चुके हैं।
वहीं अदालत के फैसले के बाद अरिहा के माता-पिता ने भारत सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर उनकी बच्ची को वापस भारत लाएंगे। उन्होंने कहा कि आज से उन्होंने अरिहा को 140 करोड़ भारतीयों को सौंप दिया है।
क्या है ये पूरा मामला
अरिहा के पिता भावेश शाह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं और अपनी पत्नी धारा के साथ जर्मनी में रहते हैं। अरिहा जब सात माह की थी तो उसे खेलते हुए चोट लग गई, जिसके बाद उसके माता-पिता उसे अस्पताल लेकर गए। अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि बच्ची का यौन शोषण हुआ है, जिसके बाद जर्मन अधिकारियों ने बच्ची को अपनी कस्टडी में ले लिया। इसके बाद से ही अरिहा जर्मन सरकार की कस्टडी में है और उसके माता-पिता उसकी कस्टडी वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं।