महाकाल लोक उज्जैन
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अब महाकाल लोक देखने आने वाले श्रद्धालुओं को शुल्क चुकाना होगा और इसे देखने के लिए अब समय का बंधन भी रहेगा। ये विचार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की एक बैठक में सामने आया है। हालांकि इसे लागू करने के लिए लंबी कवायद करना होगी।
बता दें कि सर्किट हाउस में शुक्रवार सुबह जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच शहर में चल रही कुछ समस्याओं को लेकर एक बैठक रखी गई थी। इसमें शिप्रा नदी में लगातार हो रही श्रद्धालुओं की डूबने से मौत के साथ ही शहर विकास और महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया गया। लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच कई बातों पर चर्चा हुई, लेकिन निष्कर्ष के रूप में जो सामने आया अगर इस पर अमल किया जाता है तो वह दिन दूर नहीं जब महाकाल लोक देखने आने वाले श्रद्धालुओ को यहां शुल्क चुकाना होगा और इसे देखने के लिए अब समय का बंधन भी रहेगा।
पूर्व मंत्री एवं उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन ने बैठक के दौरान महाकाल लोक देखने का समय निर्धारित करने के साथ ही इसे देखने के लिए शुल्क लगाए जाने जैसी बात पर हामी भरी और अमर उजाला को बताया कि बैठक मे इस तरह का बिंदु आया था। जिस पर सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं। जबकि सांसद अनिल फिरोजिया ने यह कहकर महाकाल लोक में शुल्क लगाए जाने की बात कही कि इससे महाकाल लोक का मेंटेनेंस व्यवस्थित रूप से हो सकेगा। वैसे वे अभी महाकाल लोक में शुल्क लगाए जाने और टाइम निर्धारित करने का सिर्फ प्रस्ताव आने की बात कह रहे हैं।