पलानीस्वामी और स्टालिन
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एआईएडीएमके महासचिव एडापड्डी के पलानीस्वामी ने कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस और तमिलनाडु में डीएमके पर तीखा हमला बोला है। पलानीस्वामी ने कहा कि कर्नाटक सरकार कावेरी नदी पर मेकेदातु जलाश्य बनाने की तैयारी कर रही है और स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार राज्य के लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं कर रही है। पलानीस्वामी ने कहा कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार कावेरी नदी के पास मेकेदातु जलाश्य बनाने की बात कह रहे हैं लेकिन स्टालिन इसका कड़ाई से विरोध नहीं कर रहे हैं।
क्या है मामला
दरअसल कर्नाटक के रामनगर जिले में कनकपुरा के पास एक संतुलन जलाश्य बनाया जाना है। यह जलाश्य जिस जगह बनाया जाना है, उसे मेकेदातु कहा जाता है। कर्नाटक सरकार इस जलाश्य से बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में पेयजल की आपूर्ति के लिए और 400 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए मेकेदातु जलाश्य का निर्माण करा रही है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब नौ हजार करोड़ रुपए है। वहीं तमिलनाडु की सरकार इस जलाश्य परियोजना का विरोध कर रही है। तमिलनाडु का कहना है कि इस जलाश्य से निर्माण से कावेरी नदी का तमिलनाडु में प्रवाह प्रभावित होगा, जिससे राज्य की जल आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पालनीस्वामी ने स्टालिन को घेरा
तमिलनाडु के नेता विपक्ष पलानीस्वामी ने बताया कि 2018 में उनकी सरकार के प्रयासों के चलते मेकेदातु परियोजना पर कावेरी मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठकों में कभी चर्चा नहीं हुई। इस साल मई तक भी इस मामले में कोई बात नहीं हुई लेकिन जैसे ही कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई तो उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मामले को उठाना शुरू कर दिया। शिवकुमार ने अधिकारियों को इस दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश भी दिए हैं। पलानीस्वामी ने कहा कि मैंने इस परियोजना का भरपूर विरोध किया था लेकिन कठपुतली मुख्यमंत्री स्टालिन ने तभी इसका विरोध नहीं किया वरना ये नौबत ही नहीं आती।