शुभेंदु अधिकारी
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पश्चिम बंगाल में शनिवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 18 लोगों की मौत हुई है और 50 से अधिक घायल हुए हैं। मुर्शिदाबाद जिला हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां सबसे अधिक पांच मौतें हुई हैं। इसके बाद उत्तरी दिनाजपुर में चार और कूचबिहार में तीन मौतें हुई हैं। मालदा, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नादिया, बरासत और पूर्वी बर्धमान जिलों में भी मौतें हुई हैं। मारे गए लोगों में 10 सत्तारूढ़ दल टीएमसी के थे। कांग्रेस से तीन, भाजपा के तीन और माकपा के दो कार्यकर्तओं की मौत हुई है।
भाजपा ने चुनावी हिंसा के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है और केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हमारी मांग है कि चुनावी हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि केंद्रीय बलों को मतदान केंद्रों पर तैनात नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हम मारे गए लोगों के परिजनों के साथ अदालत का रुख करेंगे और हिंसा की घटनाओं की विस्तृत जांच कराने की मांग करेंगे। अधिकारी ने कहा कि वह राज्य चुनाव आयुक्त से सीएम ममता बनर्जी को मृतकों के परिजनों ने 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देने को कहेंगे।
कूचबिहार में भाजपा के पोलिंग एजेंट की हत्या
अधिकारियों ने बताया कि कूचबिहार जिले में भाजपा के पोलिंग एजेंट माधब बिस्वास की फालीमरी ग्राम पंचायत में हत्या कर दी गई। आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगा है। वहीं टीएमसी ने आरोप लगाया कि तूफानगंज पंचायत समिति के सदस्य की भाजपा कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी। उत्तर दिनाजपुर में भी भारी हिंसा हुई और गोलपोखरा पंचायत में टीएमसी और कांग्रेस समर्थकों की बीच मारपीट हुई। इसमें टीएमसी के पंचायत प्रमुख शानशाह की हत्या कर दी गई। मुर्शिदाबाद जिले में मारे गए टीएमसी के एक कार्यकर्ता की पहचान बाबर अली के रूप में हुई है। इसी जिले के खारग्राम में टीएमसी के एक अन्य कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई।