Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बाद भारी तनाव के बीच विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का एक दल शनिवार को मणिपुर के दंगा प्रभावित लोगों से मिला. विपक्ष के नेताओं ने चुराचांदपुर शहर का दौरा किया. इस दौरान नेताओं ने कुकी नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों से मुलाकात की. साथ ही राहत शिविरों में जातीय हिंसा के पीड़ितों से भी संवाद किया. इस दौरान मणिपुर में आदिवासी समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन इंडिया को एक पत्र लिखकर हिंसा प्रभावित राज्य में एक अलग प्रशासन और राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपनी मांग के लिए समर्थन मांगा.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक राहत शिविर का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे (अपराधों की) केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की बात कर रहे हैं… मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वे (केंद्र सरकार) अब तक सो रहे थे.’’ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता सुष्मिता देव ने कहा कि दल दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से बात करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी की आवाज सुनी जानी चाहिए. हम कुकी और मेइती दोनों से बात करेंगे.’’

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को इंफाल पहुंचा और फिर प्रतिनिधिमंडल के दल दो हेलीकॉप्टर के जरिये चुराचांदपुर के लिए रवाना हुए. चौधरी के नेतृत्व में दल ने चुराचांदपुर कॉलेज के छात्रावास में स्थापित एक राहत शिविर का दौरा किया.

एक अन्य दल में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य शामिल थे और इस दल ने चुराचांदपुर के डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा किया. गोगोई ने कहा, ‘‘हम यहां शांति का संदेश देने के लिए आये हैं.’’ इंफाल लौटने के बाद, चौधरी के नेतृत्व वाला दल सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक राहत शिविर का दौरा करेगा और मेइती समुदाय के पीड़ितों से मुलाकात करेगा.

विपक्षी सांसदों का दूसरा दल इंफाल पूर्वी जिले के अकम्पट में आइडियल गर्ल्स कॉलेज में स्थापित राहत शिविर में जायेगा और इम्फाल पश्चिम में लाम्बोइखोंगांगखोंग में एक अन्य शिविर का दौरा करेगा. विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह यहां राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर मौजूदा स्थिति और मणिपुर में जल्द से जल्द शांति लाने के संभावित उपायों पर चर्चा करेगा.

दल का रविवार दोपहर को राष्ट्रीय राजधानी लौटने का कार्यक्रम है. दौरे से पहले गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की थी. इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए. ए. रहीम भी शामिल हैं.

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)





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By attkley

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