Asaduddin Owaisi Statement: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A का प्रतिनिधिमंडल आज मणिपुर (Manipur) के दौरे पर है. 16 पार्टियों के 20 नेताओं की एक टीम मणिपुर पहुंचेगी और वहां पीड़ितों से मुलाकात करेगी साथ ही राज्यपाल से भी मिलेगी. अभी मणिपुर में पूरी तरह से तनाव खत्म भी नहीं हुआ है. अभी मणिपुर में जातीय हिंसा की आग ठंडी भी नहीं हुई है. अभी मणिपुर में मैतेई और कुकी जाति के लोगों का आक्रोश शांत भी नहीं हुआ है और ना ही संसद से लेकर सड़क का संग्राम थमा है. संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच हमलों का दौर जारी ही है. ऐसे में अब विपक्षी नेताओं ने आज मणिपुर रवाना होने का ऐलान कर दिया है. संसद में विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान की मांग करने पर अड़ा रहा तो वहीं सरकार ने साफ कर दिया था कि विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सिर्फ सियासत कर रहा है. इस बीच, खबर है कि विपक्षी दलों के साथ एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) मणिपुर नहीं गए हैं. ओवैसी ने इसका बड़ा कारण बताया है.
मणिपुर नहीं सरकार को अपनी छवि की है ज्यादा चिंता
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुद्दा यह है कि मोदी सरकार अपनी छवि को लेकर ज्यादा चिंतित है. यह हिंसा पिछले तीन महीनों से जारी है. यह शर्मनाक है कि उन्हें उन दो महिलाओं और कई अन्य महिलाओं के साथ हुए बलात्कार की कोई चिंता नहीं है. उनके लिए सब कुछ एक साजिश है. लेकिन मणिपुर में हिंसा के बारे में क्या? वे इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए, साजिश का एक नया कोण दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री को हटाएं, सारी जांच सीबीआई को सौंपी जाए और हथियार लूटने का मामला एनआईए को दिया जाए. तभी न्याय हो सकेगा.
विपक्षी नेताओं के साथ मणिपुर क्यों नहीं गए ओवैसी?
एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि वो विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा नहीं हैं और उनको आमंत्रित नहीं किया गया, इसलिए वे उनके साथ मणिपुर नहीं गए. बता दें कि मणिपुर 3 मई से हिंसा की चपेट में है. कुकी और मैतेई समुदाय के जातीय संघर्ष के चलते राज्य में 150 लोगों की मौत हो चुकी है. विपक्ष पहले ही लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुका है और अब नई रणनीति के तहत विपक्षी नेता मणिपुर पहुंचेंगे. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि वो मणिपुर के लोगों का दर्द साझा करने जा रहे हैं.
मणिपुर में अब कैसे हैं हालात?
गौरतलब है कि मणिपुर में जमीनी हालात सुधर रहे हैं. सरकार कुकी और मैतेई के बीच 6 राउंड चर्चा करा चुकी है. पैरामिलिट्री फोर्स पहले से ज्यादा है. जनजीवन सामान्य हो रहा है. लेकिन मणिपुर हिंसा पर सियासत सामान्य नहीं हो पाई. लोकसभा में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग पर हंगामा करता रहा और प्रधानमंत्री से जवाब की मांग करता रहा. इतना ही नहीं विपक्ष का तो ये भी कहना है कि जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा ना हो तब तक कोई दूसरे बिल वगैरह पास न हों.
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