PM Narendra Modi Speech:  2024 आम चुनाव में अभी वक्त है लेकिन सभी दल अपनी जीत का दावा अभी से कर रहे हैं. सत्तासीन एनडीए को भरोसा है कि तीसरी दफा सरकार बनाने में कामयाब होंगे, वहीं करीब 24 दलों का गठबंधन जो इंडिया नाम से अब देश के सामने है उसका मानना है कि 2024 में नरेंद्र मोदी किसी भी कीमत पर सत्ता में नहीं आएंगे. इन सबके बीच 77वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से साफ साफ कहा कि देश के सामने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण ना सिर्फ तीन बुराइयां बल्कि चुनौतियां भी हैं, उन्होंने कहा कि एक बार फिर 2024 में वो लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे. इससे पहले मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा था कि जिस तरह से उन्होंने विपक्ष को 2023 की तैयारी के लिए कहा था एक बार फिर वो कहना चाहते हैं कि 2028 में भी विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी करनी चाहिए. अब पीएम मोदी के इस आत्मविश्वास के पीछे की वजह क्या है उसे समझने की कोशिश करेंगे.

क्या कहते हैं जानकार

जानकार कहते हैं कि विपक्ष का अतीत ही उसके लिए चुनौती है और उसी अतीत का इस्तेमाल पीएम मोदी हथियार के तौर पर करते हैं. अगर आप यूपीए 2 के कार्यकाल को देखें तो भ्रष्टाचार इतना बड़ा मुद्दा बना कि कांग्रेस के नेताओं को सफाई देते नहीं बनता था. उस मुद्दे को पीएम मोदी ने धारदार अंदाज से जनता के सामने पेश किया और उसका फायदा 2014 के नतीजों में दिखाई दिया. यही नहीं अगर आप भ्रष्टाचार के विषय को ही देखें तो मौजूदा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में विपक्ष प्रभावी तौर पर जनता को यह समझा पाने में नाकाम रहा कि मोदी सरकार करप्शन के सागर में आकंठ डूबी हुई है. कांग्रेस की तरफ से राफेल का मुद्दा जरूर उठाया गया लेकिन अदालती क्लीन चिट के बाद यह मामला दब गया. 

अब ये बात तो भ्रष्टाचार की रही. अगर बात परिवारवाद की हो तो वो आसानी से कांग्रेस समाजवादी पार्टी, एनसीपी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोकदल. टीडीपी, वाईएसआर और बीआरएस का नाम लेते हैं. इन दलों के जरिए बताते है कि आप खुद देखिए पार्टी का अध्यक्ष कौन था और यदि बदलाव हुआ तो कौन हुआ. सवाल यह है कि जिस समाज के लोगों के उत्थान का ये दल दावा करते हैं क्या उनके समाज में और कोई चेहरा नहीं. इसके साथ ही वो तुष्टीकरण का जिक्र करते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार, बिहार की महागठबंधन सरकार का खास जिक्र करते हैं. वो यह बताते है कि कम से कम बीजेपी को देखें वहां किसी तो यह नहीं पता होता कि उन्हें पार्टी क्या जिम्मेदारी देने वाली है.

कल्याणकारी योजनाओं का खास जिक्र

यहां सवाल यह है कि क्या देश की जनता मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खुश है. इसका जवाब आप इस तरह समझ सकते हैं कि डीबीटी, उज्ज्वला योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना, मुद्रा योजना और स्टार्ट अप योजना को वो जमीन पर उतारने पर कामयाब रहे. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर भारत की छवि अब याचना करने वाले देश की तरह नहीं है बल्कि अब भारत नजरों में नजर मिलाकर बात करता है. यह सब ऐसी बातें हैं जो जनता के दिल में उतर चुकी है. इसके साथ ही एक बार फिर जिस तरह से एनडीए अपने सामाजिक आधार को बढ़ाने में जुटी हुई और उसे जमीन पर उतार रही है उस सूरत में बीजेपी, एनडीए को यकीन है कि 2024 का रास्ता उनके लिए समतल और सपाट है जिस पर बिना किसी मुश्किल चल कर दिल्ली को फतह किया जा सकता है.





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By attkley

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