एडप्पादी के पलानीस्वामी
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तमिलनाडु के मदुरै एआईएडीएमके सम्मेलन में एडप्पादी पलानीस्वामी को ‘क्रांतिकारी तमिल’ (पुरैची तमिलर) की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस उपाधि के साथ ही वह एआईएडीएमके के दिग्गजों, दोनों दिवंगत मुख्यमंत्रियों संस्थापक एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे जयललिता के साथ क्रांतिकारी कहलाने वालों में शामिल हो गए हैं। तमिलनाडु के पूर्व सीएम एमजीआर ‘पुरैची थलाइवर’ थे और जयललिता ‘पुरैची थलाइवी’ थीं, दोनों का अर्थ क्रांतिकारी नेता था। पार्टी कार्यकर्ता अक्सर इन उपाधियों से उनको बुलाते थे।
दिवंगत नेता जे जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के निष्कासित नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के साथ सत्ता संघर्ष के अंत में शीर्ष नेता चुने जाने के बाद रविवार को अपने पहले शक्ति प्रदर्शन में, पलानीस्वामी को विभिन्न धर्मों के पुजारियों के एक समूह द्वारा ‘क्रांतिकारी तमिल’ उपाधि दी गई।
के पलानीस्वामी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से एकत्र हुए हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और अपने संबोधन में उन्होंने सत्तारूढ़ द्रमुक के खिलाफ निशाना साधा, इसी के साथ अन्नाद्रमुक को लोगों की सहायता करने वाला सच्चा साथी बताया। उन्होंने कहा कि विवादास्पद राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के दौरान शुरू की गई थी, जिसमें डीएमके एक प्रमुख घटक थी। उनका हमला द्रमुक नेता और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि की एनईईटी के संबंध में अन्नाद्रमुक पर निशाना साधने वाली टिप्पणियों के जवाब में आया। आगे कहा कि इसे खत्म करने की मांग को लेकर रविवार को डीएमके का एक दिवसीय भूख हड़ताल करना एक नाटक था।