असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर।
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मणिपुर में जातीय संघर्ष की शुरुआत के करीब चार महीने बीत जाने के बाद भी इस पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल नहीं हो पाई है। आए दिन हिंसा और मौत की खबरें आती रहती हैं। राज्य के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में पिछले चार दिनों में कुकी और मैतेई के बीच गोलीबारी की घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 18 घायल हो गए। 

इस बीच असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने राज्य की इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि मणिपुर में हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह अभूतपूर्व है। हमने पहले कभी भी इस तरह की स्थिति का सामना नहीं किया है। उन्होंने बताया कि ऐसा ही कुछ 90 के दशक की शुरुआत में हुआ था जब नगाओं और कुकी के बीच संघर्ष हुआ था और फिर 90 के दशक के अंत में कुकी समूहों के अंदर भी लड़ाई हुई थी।

उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती दोनों समुदायों के भीतर बड़ी संख्या में मौजूद हथियार हैं। इस संबंध में दोनों समुदायों के अंदर एक जैसी स्थिति है। आज ये दोनों समुदाय एक-दूसरे के बहुत ज्यादा खिलाफ हो गए हैं, यह बहुत ही खराब स्थिति है। इसे रोकने की जरूरत है। लोगों को यह अहसास कराने की जरूरत है कि आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता शांति है।










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By attkley

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