कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)
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आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ परेशानियां बढ़ती ही जा रही है। राज्य सीआईडी का कहना है कि कौशल विकास निगम से संबंधित अलग-अलग दस्तावेजों में नायडू के 13 हस्ताक्षर मिले हैं, जो नियमों को ताक पर रखकर किए गए थे।
घोटाले की योजना बाबू ने बनाई :सीआईडी प्रमुख
आंध्र प्रदेश सीआईडी प्रमुख एन संजय ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान संजय ने कहा कि कौशल विकास घोटाले में नायडू की भूमिका पाई गई है, जिस वजह से उन्हें आरोपी माना गया है। निगम की स्थापना के वक्त नायडू ने मुख्यमंत्री रहते हुए नियमों का पालन नहीं किया था। उन्होंने नियमों को दरकिनार करते हुए निजी पार्टियों को सरकारी ईकाई के माध्यम से धन दिया था। प्रथम दृष्टया सामने आया है कि इस पूरे की घोटाले की योजना बाबू ने बनाई थी।
सरकारी खजाने को 300 करोड़ का नुकसान
संजय ने बताया कि निगम की स्थापना के लिए कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक है। लेकिन नायडू ने ऐसा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि मामले में अटकलों के कारण तथ्य स्पष्ट करना उचित है। कौशल विकास मामला दक्षिणी राज्य में सीओई समूहों की स्थापना से संबंधित है। इस परियोजना का कुल अनुमान 3300 करोड़ है। इस मामले में राज्य के सरकारी खजाने को 300 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। संजय ने बताया कि नायडू ने कैबिनेट की मंजूरी के बिना निगम की स्थापना की। इसके अलावा, पूर्व सीएम ने गंता सुब्बा राव जैसे निजी व्यक्ति को निगम का प्रमुख नियुक्त किया। नायडू ने वित्त विभाग के एक नोट में व्यक्तिगत रूप से 371 करोड़ रुपये मंजूर किये थे।