Uma Bharti on Elections:  ना तो सियासत की उम्र छोटी होती है और ना ही नेताओं की उम्मीद. जब तक शरीर में जान है, जब तक लोगों का भरोसा है राजनीति की पिच पर नेता बैटिंग और बोलिंग दोनों के लिए तैयार रहते हैं. नतीजा मन का आए तो अच्छी बात यदि ना आए तो कोई परवाह नहीं. यहां हम बात कर रहे हैं बीजेपी की कद्दावर नेता उमा भारती की. 2019 में उन्होंने गंगा मिशन का हवाला देकर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था लेकिन अब उनका इरादा बदलता हुआ नजर आ रहा है.

‘सियासत से तलाक नहीं’

मध्य प्रदेश के सागर में कहा कि उनकी रगों में राजनीति बह रहा है. उसे वो रोकने की बात कैसे सोच सकती हैं. राजनीति उनके लिए सेवा का मिशन है, विलासिता नहीं. अब जब वो राजनीति को सेवा मानती हैं तो चुनाव लड़ने के साधन को कैसे तिलांजलि दे सकती हैं. उन्होंने कभी यह नहीं कहा था कि वो सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रही हैं. गंगा मिशन दिल और दिमाग के करीब है. 2019 में उनके लिए गंगा मिशन महत्वपूर्ण विषय था.भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तेज-तर्रार नेता एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि लोग भले ही कुछ भी कहें, लेकिन उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है और वह अगला चुनाव लड़ेंगी.केंद्रीय मंत्री रह चुकी भारती ने यह बात सोमवार को बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर जिले में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

राजनीति सेवा मिशन

उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से इसलिए इनकार कर दिया था, क्योंकि वो लंबे समय से काम कर रही थी. पांच साल का ब्रेक लेने की सोची. लोगों को लगा कि राजनीति छोड़ दी हूं लेकिन वो यह कहते-कहते थक गई हैं कि उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है. भारती ने कहा कि वो चाहे 75 साल की हो जाएं या 85 साल की राजनीति की दुनिया में सक्रिय रहेंगी. अला चुनाव लड़ेंगी क्योंकि राजनीति बहुत पसंद है.केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन समेत कई बड़ी विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि वह राजनीति में थीं, इसलिए ये परियोजनाएं हकीकत बन सकीं. भारती ने कहा कि उन लोगों ने राजनीति को बर्बाद कर दिया है, जो इसे विलासिता का साधन मानते हैं. 

(एजेंसी इनपुट-भाषा)



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By attkley

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