AIADMK Vs BJP: सियासत में ना कोई दोस्त और ना ही स्थाई दुश्मन होता है. अगर दोस्ती और दुश्मनी की बात होती तो बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार कभी अलग और एक साथ नहीं होते.यूपी में बीएसपी और समाजवादी पार्टी का रिश्ता दोस्ती- तलाक तक नहीं पहुंचता. यहां हम बात करेंगे तमिलनाडु की जहां एआईएडीएमके और बीजेपी के रिश्ते टूट गए हैं. आखिर रिश्ता क्यों टूटा. क्या बीजेपी की राज्य ईकाई को यह समझ में आने लगा है कि चेन्नई की गद्दी पर दावेदारी के लिए संघर्ष एकला चलो की नीति में छिपी है या वजह कुछ और है.
के अन्नामलाई हैं बीजेपी अध्यक्ष
तमिलनाडु में बीजेपी की कमान के अन्नामलाई के हाथों में है. ऐसा कहा जाता है कि जब उन्होंने पार्टी की कमान संभाली तब से लेकर आज तक यानी एआईएडीएमके से रिश्ता खत्म होने तक उनके बयान से AIADMK के नेता नाखुश रहे है, उन्हें ऐसा लगता था कि अन्नामलाई जानबूझकर इस तरह के बयान देते हैं जो पार्टी के नेताओं पर निशाना साधने जैसा लगता है और उसका असर जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़ता है. हालांकि राजनीति के कुछ जानकार यह भी कहते हैं कि यह अलगाव लंबे समय तक का नहीं है क्योंकि अलगाव होने के बाद पार्टी के कार्यालय में जो जश्न मनाया गया उसमें प्रमुख तौर पर हर एक का नजरिया बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट अन्नामलाई के खिलाफ था.
राजनीतिक गलियारे में इस अलगाव को एआईए़डीएमके की प्रेसर पॉलिटिक्स के तौर पर भी देखा जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि 2024 आम चुनाव से पहले एआईए़डीएमके ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश की है, बीजेपी राज्य ईकाई से नाराजगी या बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट के प्रति नाराजगी सिर्फ बहाना भर है.