कनाडा में खालिस्तानियों का बढ़ रहा दबदबा
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कनाडा की धरती से खालिस्तानी चरमपंथी बीते 50 सालों से खुलेआम अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं और कनाडा में बोलने की आजादी और राजनीति की आड़ में वहां की सरकार इस पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। अब भारत और कनाडा के बीच संबंध बिगड़ने में भी इन्हीं खालिस्तानी तत्वों का हाथ है।
कनाडा में आतंकी खुले घूम रहे
साल 1985 में एयर इंडिया के विमान में बम रखने का आरोप भी खालिस्तानी चरमपंथियों पर लगा था और अमेरिका में 9/11 के हमले से पहले यह दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक था। इसके बावजूद कनाडा सरकार की हीला-हवाली के चलते इस आतंकी हमले का मुख्य आरोपी तलविंदर सिंह परमार और उसके साथ बच निकले। दुर्भाग्य से तलविंदर सिंह परमार अब प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने प्रचार केंद्र का नाम इसी आतंकी के नाम पर रखा है।
कनाडा में बैठकर पंजाब में फैला रहे अशांति
बीते एक दशक में कनाडा में बैठे ये खालिस्तानी चरमपंथी पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और कई आतंकी घटनाओं में कनाडा के चरमपंथियों का नाम सामने आ चुका है। पंजाब में साल 2016 के बाद कई सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों की हत्या में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर का नाम सामने आया था। इसी निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच विवाद हो रहा है। इसके बावजूद कनाडा में कभी भी इन खालिस्तानियों के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई। अभी भी निज्जर के साथी भगत सिंह बरार, पैरी दुलाई, अर्श डाला, लखबीर लांडा और कई अन्य भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं और कनाडा में सिर्फ ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ बताया जाता है।