500 रुपए के नोट

विस्तार


वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-अगस्त अवधि में भारत का राजकोषीय घाटा 6.43 लाख करोड़ रुपये था, जो 29 सितंबर को साझा किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार वार्षिक लक्ष्य का 36 प्रतिशत है।

एक साल पहले की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 5.42 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो वित्त वर्ष 23 के पूरे लक्ष्य का 32.6 प्रतिशत था। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 17.87 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है।

अकेले अगस्त महीने में राजकोषीय घाटा 37,200 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 2 लाख करोड़ रुपये था। आलोच्य महीने के दौरान राजस्व अधिशेष 17,800 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1.59 लाख रुपये का राजस्व घाटा हुआ था।

आंकड़ों के अनुसार अगस्त में व्यय 2.91 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने के 2.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। अप्रैल-अगस्त की अवधि में, कुल प्राप्तियां 10.29 लाख करोड़ रुपये और कुल व्यय 16.72 लाख करोड़ रुपये था, जो वार्षिक लक्ष्य का क्रमशः 37.9 प्रतिशत और 37.1 प्रतिशत है।

पांच महीने की अवधि में कुल राजस्व प्राप्तियां 10.14 लाख करोड़ रुपये रहीं, जिसमें 8.04 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व और 2.10 लाख करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व शामिल है। एक साल पहले की समान अवधि में प्राप्त 7 लाख करोड़ रुपये के कर राजस्व की तुलना में संचयी राशि अधिक है।



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *