Khalistan News: आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का बेबुनियाद आरोप लगाने वाले कनाडा को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है. अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कनाडा को जवाब दिया है. गुरुवार को उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कनाडा को अपने आरोपों को साबित करने के लिए हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सबूत भारत के साथ साझा करने चाहिए. अगर कुछ साबित होता है तो भारत एक्शन लेगा.
अब्दुल्ला ने कहा, ‘कनाडा आरोप लगा रहा है कि भारत ने उसके देश में कुछ घटना की है. उन्हें भारत के साथ सबूत साझा करना चाहिए. केवल मौखिक आरोप काम नहीं करते. दुर्भाग्यपूर्ण है कि इससे भारत-कनाडा संबंधों को ठेस पहुंची है. दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध थे, चाहे वह व्यापार हो या लोगों से लोगों के बीच संपर्क के मामले में. हमारे छात्र वहां पढ़ाई के लिए जाएंगे. उन्होंने कहा, विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर कनाडा नई दिल्ली के साथ अपने सबूत साझा करेगा तो भारत एक्शन लेगा.
‘कोई सबूत है तो कनाडा दे’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी यही बात कही है. विदेश मंत्री ने कहा कि अगर कोई सबूत है तो साझा करें. इसके बाद अगर कोई सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत होगी तो भारत करेगा. केवल मौखिक दावों से काम नहीं चलेगा, सबूत भारत के साथ साझा किए जाने चाहिए.
इसके अलावा, अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के कई मुद्दों को लेकर बात की. डीजीपी के बयान पर टिप्पणी करते हुए उमर ने कहा हम खुश हैं, अगर जम्मू-कश्मीर आतंक मुक्त होता है तो हम सब से ज्यादा हम खुश होंगे. क्योंकि सुरक्षाबलों के बाद सब से ज्यादा कुर्बानी नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोगों ने दी है.
डीजीपी के एक बयान में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है. उमर ने कहा, ‘हम सभी जम्मू-कश्मीर को आतंक मुक्त चाहते हैं. डीजीपी साफ करें कि वह हमसे किस तरह का समर्थन चाहते हैं, हम जो भी कर सकते हैं वह करेंगे.
DGP के बयान पर कसा तंज
डीजीपी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर कितना आतंक मुक्त है. यह हमने कोकरनाग मुठभेड़ में देखा. यह लंबे समय के बाद हुआ है. हाई रैंक के अधिकारियों ने अपनी जान गंवाई.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर उमर ने कहा, ‘केवल एलजी और उनके आसपास के अधिकारी ही यहां चुनाव नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन अधिकारियों को एलजी के साथ यहां से जाना होगा, वरना अगर आप सड़क पर किसी से पूछेंगे कि क्या लोग चुनाव चाहते हैं? एलजी को आम लोगों से बात करनी चाहिए, उन्हें पता चल जाएगा कि लोग क्या चाहते हैं.’