JDU MP Sunil Kumar Pintu on Caste Census:  बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासत गरमा गई है. विपक्षी दल जहां आंकड़ों की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं वहीं जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी अपनी सरकार यानी नीतीश सरकार को  घेरा है. बता दें कि जातीय जनगणना पर उपेंद्र कुशवाहा(upendra kushwaha) ने कहा था कि उनके यहां तो सर्वे करने के लिए कोई आया ही नहीं था. लेकिन यहां बात करेंगे सुनील कुमार पिंटू की. उन्होंने तेली साहू समाज की संख्या का जिक्र करते हुए जातीय जनगणना को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.

तेली-साहू समाज का जिक्र

जेडीयू एमपी सुनील कुमार पिंटू ने जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे तेली साहू(teli sahu community) समाज के संयोजक हैं. बिहार के सभी जिलों में अपने समाज के लोगों से बात की है मुझे जानकारी मिली की पूरे बिहार में कई जगहों पर तेली साहू समाज के मोहल्ले और टोलों की गिनती ही नहीं की गई. सर्वे टीम उन इलाकों में पहुंची ही नहीं, उन्होंने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट में तेली साहू समाज की तादाद 2.81 % बताई गई है, यह पूरी तरह से गलत है इससे कई गुना ज्यादा तेली साहू समाज के लोग बिहार में रहते हैं, पूरे बिहार में तेली साहू समाज की गणना फिर से कराई जाए. उन्होंने 8 तारीख को पटना में तेली साहू समाज की बैठक बुलाया है.

जेडीयू एमपी के इन आरोपों पर बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि वो कहीं और से गवर्न हो रहे हैं. जहां तक जातीय आंकड़ों की विश्वसनीयता की बात है. वो पूरी तरह पारदर्शी है.हनारी पार्टी का स्पष्ट मानना रहा है कि मुख्य धारा में शामिल होने के लिए समाज के हर वर्ग को पर्याप्त मौका मिलना चाहिए. यहां बता दें कि हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी (jitan ram manjhi)ने भी आरोप लगाते हुए यह सवाल किया था कि आखिर यादव समाज की ही आबादी इतनी अधिक क्यों बढ़ गई. इसके अलवा एलजेपी के चिराग पासवान भी जाति आधारित जनगणना पर सवाल उठा चुके हैं.



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By attkley

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