Qatar India Relation: कतर एक ऐसा मुस्लिम देश है जिसके साथ भारत के संबंध पुराने और अच्छे रहे हैं लेकिन कई ऐसे मौके भी सामने आए हैं जब दोनों देशों के संबंधों को अग्निपरीक्षा के दौर से गुजरने पड़े हैं. यह हालिया मामला कुछ ऐसा ही है जब कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई गई है. इससे पहले जाकिर नाइक, नूपुर शर्मा जैसे मामलों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था जब तल्खी सामने आई थी. पहले तो यह जानना जरूरी है कि कतर की वैश्विक स्थिति क्या है. असल में कतर को वैसे तो कट्टर इस्लाम समर्थक माना जाता है और कतर कई आतंकी संगठनों का खुला समर्थन भी करता है. इतना ही नहीं कतर विश्वभर के कई आतंकवादी संगठनों का सबसे बड़ा वित्तीय सहायक भी है. इसके बावजूद भी इसके अमेरिका से बेहतरीन संबंध हैं. 

कतर की वैश्विक ताकत

दरअसल, कतर खुद को सऊदी अरब का प्रतियोगी मानता है जो इस्लाम का अगुआ बनने की कोशिश करता है. अमेरिका को पता है कि कतर आतंकवादी ताकतों का सबसे बड़ा समर्थक है, इसके बावजूद भी उसके खिलाफ नहीं बोलता है. कतर की भौगोलिक स्थिति और उसकी धरती के नीचे दबी अरबों-खरबों रुपये की गैस के कारण ऐसा है. कतर का विदेशी मुद्रा भंडार 64.56 अरब डॉलर से भी अधिक है और यह दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार वाला देश है. वह इसे राजनीतिक हथियार की तरह उपयोग करता है. इसके अलावा कतर में अमेरिका का मिलिट्री बेस होने के चलते वह अमेरिका की अच्छी लिस्ट में है. 

कतर और भारत के संबंध 
अब अगर भारत की बात करें तो कतर और भारत के बीच के संबंध मजबूत रहे हैं. भारत और कतर के बीच राजनयिक संबंध 1973 में स्थापित हुए थे. भारत अपनी 40 फीसदी गैस की आवश्यकता को पूरा करने में कतर का सहारा लेता है. कतर की 25 लाख की आबादी में से 6.5 लाख भारतीय हैं, जो काम करके भारत को बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा पहुंचाते हैं. भारत और कतर के रिश्ते न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी मजबूत रहे हैं. लेकिन कई ऐसे मौके आए जब तल्खी बढ़ी.

एमएफ हुसैन..जाकिर नाइक, नुपूर शर्मा और अब पूर्व नेवी अफसरों का मामला
फुटबॉल वर्ल्डकप 2022 के दौरान जाकिर नाइक ओपनिंग सेरेमनी में दिखाई दिया था. जाकिर नाइक हमेशा भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है. उस समय भारत ने आपत्ति जताई तो कतर ने बताया कि जाकिर नाइक को आधिकारिक रूप से इनवाइट नहीं किया गया था. जाकिर नाइक भारत में वांटेड है. इसके अलावा बीजेपी नेता नुपुर शर्मा ने कथित तौर पर अपमानजनक पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी की थी, फिर पूरी दुनिया में बवाल हुआ था. इतना ही नहीं कतर ने भारतीय राजदूत को तलब कर लिया था. इसके अलावा भारत से निर्वासित चर्चित पेंटर एमएफ को 2010 में कतर ने नागरिकता दी थे. इसके बाद भी तल्खी बढ़ी थे. और अब भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मचारियों को कतर के ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इन्स्टेन्स’ ने मौत की सजा सुनाई है.



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By attkley

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